Bank Account: ग्राहकों के खातों के साथ ये व्यवहार नहीं कर सकेंगे बैंक, RBI के सर्कुलर पर अंतरिम रोक, जानें पूरा अपडेट

डीएन ब्यूरो

बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक परिपत्र पर अंतरिम रोक लगा दी। इस परिपत्र में बैंकों को बिना सुनवाई किए किसी भी खाते को धोखाधड़ी वाला घोषित करने की अनुमति दी गई थी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

प्रतीकात्मक चित्र
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मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक परिपत्र पर अंतरिम रोक लगा दी। इस परिपत्र में बैंकों को बिना सुनवाई किए किसी भी खाते को धोखाधड़ी वाला घोषित करने की अनुमति दी गई थी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति नीला गोखले की खंडपीठ ने वाणिज्यिक बैंकों और चुनिंदा वित्तीय संस्थानों द्वारा धोखाधड़ी वर्गीकरण और सूचना देने के संबंध में आरबीआई द्वारा 2016 में जारी दिशानिर्देशों पर 11 सितंबर तक रोक लगाई। अब वह इसे चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।

याचिका दायर करने वालों में जेट एयरवेज के पूर्व प्रवर्तक नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल भी शामिल हैं।

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इन याचिकाओं में कहा गया है कि परिपत्र प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन करते हैं, क्योंकि खातों को धोखाधड़ी वाला घोषित करने से पहले कर्ज लेने वालों को सुनवाई का कोई मौका नहीं दिया जाता है।

परिपत्र के अनुसार, जब कोई बैंक किसी खाते को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत करता है, तो उस बैंक की यह जिम्मेदारी होती है कि वह अन्य बैंकों को सतर्क करे।

अगर कोई बैंक सीधे खाते को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत करता है, तो उसे 21 दिन के भीतर आरबीआई और किसी जांच एजेंसी को इस बारे में बताना होगा।

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अदालत ने सोमवार को सभी याचिकाओं को स्वीकार कर लिया और कहा कि इन पर सात और आठ सितंबर को सुनवाई होगी।










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