बलिया: फाइलेरिया उन्मूलन और दिव्यांग्ता रोकथाम के लिये दी गई एमएमडीपी किट, जानिये इसके बारे में

डीएन ब्यूरो

यूपी के बलिया जनपद में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत सोमवार को सोहांव ब्लॉक में एमएमडीपी किट का वितरण किया गया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

एमएमडीपी किट का वितरण
एमएमडीपी किट का वितरण


बलिया: फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत सोमवार को सोहांव ब्लॉक के सलेमपुर चौरा गाँव में रुग्णता प्रबंधन व दिव्यांग्ता रोकथाम (एमएमडीपी) कैम्प का आयोजन किया गया। इस मौके पर 16 फाइलेरिया रोगियों को प्रभावित अंगों की देखभाल की किट देकर प्रशिक्षित किया गया।

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डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार कैंप का आयोजन समाजसेवी अंगद सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर मलेरिया इंस्पेक्टर सुशील कुमार यादव ने फाइलेरिया प्रभावित अंगों के रुग्णता प्रबंधन का अभ्यास कराया और बताया कि मरीजों को प्रभावित अंग की अच्छी तरह से साफ-सफाई करनी चाहिए, जिससे किसी प्रकार के संक्रमण से मरीज न प्रभावित हो।

उन्होंने कहा कि साफ-सफाई और प्रभावित अंग के अनुसार नियमित रूप से व्यायाम करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह लाइलाज बीमारी है। इसलिए जिनको यह बीमारी नहीं है, उन्हें इससे बचने के लिए चल रहे एमडीए अभियान के दौरान फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करना चाहिए। 

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जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) सुनील कुमार यादव ने बताया कि फाइलेरिया मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसे हाथीपांव भी कहा जाता है। इसके प्रभाव से पैरों व हाथों में सूजन, पुरुषों में हाइड्रोसील (अंडकोष में सूजन) और महिलाओं में स्तन में सूजन की समस्या आती है। यह बीमारी न सिर्फ व्यक्ति को दिव्यांग बना देती है बल्कि इस वजह से मरीज की मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।

उन्होंने बताया कि स्वस्थ व्यक्तियों को यह बीमारी न हो, इसके लिए वर्ष में एक बार एमडीए अभियान चलाकर घर-घर लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जाती है। इसके अलावा मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के आस- पास व अंदर साफ-सफाई रखें, आस पास पानी जमा न होने दें।  

जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि जनपद के सोहांव ब्लॉक में 28 फरवरी तक सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान चलेगा। जिसमें स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिला रहे है। 

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यहां आये लाभार्थी ग्राम चौरा निवासी रघुनाथ चौरसिया (56 वर्ष) ने बताया कि फाइलेरिया (हाथीपाव) के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार पर सम्पूर्ण जानकारी कैंप में आकर मिली। इस कैम्प के विषय में उसे जानकारी आशा कार्यकर्ता द्वारा दी गई थी। कैंप में फाइलेरिया रुग्णता प्रबंधन का अभ्यास कराया गया। हमें रोग के प्रबंधन, साफ-सफाई, पैर की धुलाई, उचित आकार के चप्पल, सैंडिल पहने, चोट लगने, कटने, जलने से बचाव के बारे में जानकारी मिली। 

इस अवसर पर आशा मंजू सिंह, पूनम देवी, माला सिंह, इन्द्रावती देवी, रंजू सिंह, प्रतिभा सिंह, सुशीला सिंह, सबिता एवं सी फार संस्था के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।










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