अयोध्या: जंगल में लावारिस हालात में मिली नवजात को उपचार के बाद राजकीय शिशु गृह भेजा

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 28 मार्च को किसी अज्ञात ने नवजात बच्ची को जंगल में फेंक दिया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 1 April 2024, 11:28 AM IST
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अयोध्या: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में मानवता को शर्मशार करने वाली घटना सामने आयी है। किसी अज्ञात ने 28 मार्च को थाना बाबा बाजार के गणेशपुर जंगल में नवजात को फेंक दिया। सूचना पर पहुंची सीडब्ल्यूसी की टीम ने  जिला महिला अस्पताल मे उपचार के बाद बच्ची को शिशु गृह भेजा दिया है।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार न्यायपीठ बाल कल्याण समिति अयोध्या के अध्यक्ष सर्वेश अवस्थी ने बताया कि बीती 28 मार्च को प्रभारी निरीक्षक द्वारा चाइल्ड लाइन व सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष को सूचना दी गई थी। 

प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि उनके क्षेत्र में स्थित गणेश पुर जंगल में एक परित्यक्त नवजात बालिका मिली है। बच्ची को जंगल में काफी समय तक पड़े रहने के कारण जगह -जगह चीटियों ने काट रखा था। इस कारण अध्यक्ष सीडब्ल्यूसी द्वारा उक्त बालिका को जिला महिला चिकित्सालय में भर्ती कराने को निर्देशित किया गया था।

नवजात चाइल्ड लाइन अयोध्या व महिला पुलिस कर्मी के संरक्षण में जिला महिला अस्पताल मे उपचाराधीन रही। स्वस्थ होने के पश्चात 30 मार्च को चाइल्ड लाइन द्वारा न्यायपीठ बाल कल्याण समिति(सीडब्ल्यूसी) अयोध्या के समक्ष आदेश हेतु प्रस्तुत किया गय।

अध्यक्ष सर्वेश अवस्थी व सदस्यगण स्मृता तिवारी, सिद्धार्थ तिवारी व लल्लन प्रसाद अंबेश द्वारा चाइल्ड लाइन के संरक्षण में राजकीय शिशु गृह लखनऊ भेजने को आदेशित किया गया।

अध्यक्ष सर्वेश अवस्थी ने कहा कि नवजात बच्ची के असली माता पिता अथवा विधिक संरक्षक का 60 दिवस तक इंतज़ार किया जायेगा। यदि किसी के द्वारा कोई दावा नहीं किया जाता है तो उक्त नवजात को दत्तक ग्रहण हेतु मुक्त घोषित कर दिया जाएगा। 

नवजात विधिक प्रक्रिया के अन्तर्गत दत्तक ग्रहण में चली जायेगी व पुनः उसे दत्तक माता -पिता की प्राप्ति हो जायेगी। 

अध्यक्ष अवस्थी ने माता -पिता से अनुरोध किया है कि जो लोग मजबूरीवश नवजात को ऐसी अवस्था में त्याग देते हैं। वह उसे ऐसी जगह न छोड़ें जहां उसके जीवन पर संकट आ जाए। वह इस हेतु 1098 पर संपर्क कर सकते हैं अथवा हमारे नंबर 9336611885 पर भी संपर्क कर सकते हैं। उनका नाम गोपनीय रखा जायेगा व उनके विरुद्ध कोई भी कार्यवाही नहीं होगी।