हवाई अड्डों पर बचें इन चीजों से, पढ़ें किफायती यात्रा को लेकर संसदीय समिति की ये सिफारिशें

संसद की एक समिति ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हवाई अड्डों पर बुनियादी ढांचे का विकास किफायती हो और यात्रा की लागत आम आदमी की पहुंच के भीतर रहे। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 6 August 2023, 4:19 PM IST
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नयी दिल्ली: संसद की एक समिति ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हवाई अड्डों पर बुनियादी ढांचे का विकास किफायती हो और यात्रा की लागत आम आदमी की पहुंच के भीतर रहे।

समिति ने हवाई अड्डों पर बेवजह गोल्ड प्लेटिंग (सोने की परत चढ़ाने) और हवाई यात्रा को महंगा बनाने की अवधारणा के खिलाफ मतदान करते हुए यह सिफारिश की।

‘गोल्ड प्लेटिंग’ से तात्पर्य ऐसे महंगी सुविधाओं को शामिल करने से है, जो किसी परियोजना की लागत को बढ़ा देता है, हालांकि उनका मूल सेवा से विशेष संबंध नहीं होता है।

राज्यसभा सासंद सुजीत कुमार की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा कि इस क्षेत्र के अधिकतर हितधारक आम यात्री हैं, जिसकी हवाई यात्रा करने की आकांक्षा और आवश्यकता समय के साथ बढ़ती जा रही है।

संसदीय समिति ने सुझाव दिया कि एशियाई प्रशांत क्षेत्र के अन्य हवाई अड्डों की तुलना में उपयोगकर्ता शुल्क किफायती और प्रतिस्पर्धी रहना चाहिए।

समिति ने राज्यसभा में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘भारत एक विकासशील देश है और यात्री कीमत को लेकर जागरूक हैं। हमारी राष्ट्रीय नागरिक विमानन नीति में सरकार द्वारा सामर्थ्य व स्थिरता पर जोर दिया गया है। समिति का मानना है कि अधिकतर लोग हवाई अड्डों का उपयोग केवल यात्रा करने, सामान ‘चेक-इन’ करने, आगमन पर अपना सामान लेने और अपने गंतव्य पर जाने के लिए करते हैं। अन्य बाह्य सेवाओं को यात्री सेवा जितना महत्व नहीं दिया जा सकता।’’

रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘यह सही है कि हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता समग्र परिवहन नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण घटक है क्योंकि यह देश की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा और विदेशी धन के प्रवाह में सीधे योगदान देता है। समिति का मानना है कि हवाई अड्डे के सभी टर्मिनल को आरामदायक व सहज बनाने की जरूरत है, लेकिन उन पर सोने की परत चढ़ाकर अत्यधिक भव्य बनाने की आवश्यकता नहीं है।’’

समिति ने कहा कि भारत एक ''सीमित संसाधन'' वाला देश है, और ऐसे में सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हवाई अड्डों का आधुनिकीकरण किफायती ढंग से किया जाए। परिचालन लागत कम करने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना चाहिए।

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