Assembly Seat: राजस्थान की करणपुर विधानसभा सीट पर मतदान शुक्रवार को, तैयारियां पूरीं

राजस्थान की करणपुर विधानसभा सीट पर चुनाव के लिए मतदान शुक्रवार को होगा जिसके लिए सभी तैयारियां कर ली गई हैं। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 4 January 2024, 4:23 PM IST
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जयपुर:  राजस्थान की करणपुर विधानसभा सीट पर चुनाव के लिए मतदान शुक्रवार को होगा जिसके लिए सभी तैयारियां कर ली गई हैं। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि मतदान शुक्रवार सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होगा।

कांग्रेस प्रत्याशी के निधन के कारण इस सीट पर चुनाव स्थगित कर दिया गया था।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि करणपुर विधानसभा क्षेत्र में 249 मतदान केन्द्रों पर मतदान होगा और मतदाता सुबह सात बजे से सायं छह बजे तक मतदान कर सकेंगे।

उन्होंने बताया कि करणपुर विधानसभा क्षेत्र में 2,40,826 मतदाता है, जिनमें 1,25,850 पुरूष व 1,14,966 महिला तथा 10 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं। 180 ‘सर्विस वोटर’ पंजीकृत हैं।

उन्होंने बताया कि करणपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए 24 सेक्टर अधिकारी तैनात किए गए हैं जबकि 10 रिजर्व में रखे गए हैं। करणपुर एवं पदमपुर के लिए दो एरिया मजिस्ट्रेट भी तैनात किए गए हैं।

गुप्ता ने बताया कि इस विधानसभा क्षेत्र में नौ अक्टूबर 2023 से अब तक कुल 10.03 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के सामान जब्त किए गए हैं। इनमें से 14 लाख रुपये की नकदी, करीब 38.88 लाख की शराब, 9.33 करोड़ रुपये के मादक पदार्थ एवं 15 लाख रुपये से अधिक कीमत की अन्य सामग्री शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि राज्य में विधानसभा की 200 में से 199 सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान हुआ। इसका परिणाम तीन दिसंबर को घोषित किया गया। इसमें भाजपा को 115 व कांग्रेस को 69 सीटें मिलीं। करणपुर गंगानगर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी और तत्कालीन विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था। यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से पूर्व मंत्री सुरेंद्रपाल सिंह टीटी उम्मीदवार हैं जबकि कांग्रेस ने कुन्नर के बेटे रुपिंदर सिंह को प्रत्याशी बनाया है।

सत्तारूढ़ भाजपा ने सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को 30 दिसंबर को बतौर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मंत्रिपरिषद में शामिल किया। कांग्रेस ने इसकी आलोचना की। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे 'आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन एवं वहां के मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास' बताया था।

 

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