असम के ‘मोईदाम’ ने यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल का दर्जा पाने के लिए तकनीकी अनिवार्यता पूरी की
संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता के लिए भारत के एकमात्र नामांकन ‘मोईदाम’ (शाही परिवार का कब्रिस्तान) ने तकनीकी अनिवार्यता पूरी कर ली है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
गुवाहाटी: संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता के लिए भारत के एकमात्र नामांकन ‘मोईदाम’ (शाही परिवार का कब्रिस्तान) ने तकनीकी अनिवार्यता पूरी कर ली है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को यह जानकारी दी।
‘मोईदाम’ असम के चराइदेव जिले में अहोम शाही परिवार का कब्रिस्तान है। शर्मा ने बताया कि नामांकन का अगला आकलन अंतरराष्ट्रीय स्मारक एवं स्थल परिषद करेगी।
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शर्मा ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘‘मुझे अत्यंत गर्व के साथ यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि चराइदेव स्थित मोईदाम को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिलाने के हमारे प्रयासों ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। मोईदाम ने यूनेस्को सचिवालय की सभी तकनीकी अनिवार्यताएं पूरी कर ली हैं।’’
उन्होंने ‘असम के पिरामिड’ के नामांकन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी आभार व्यक्त किया।
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मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अब नामांकन की समीक्षा अंतरराष्ट्रीय स्मारक एवं स्थल परिषद करेगी। हम ‘आकलन मिशन’ की यात्रा के लिए उत्सुक हैं।’’
शर्मा ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि ‘माईदोम’ को पहली बार अप्रैल 2014 में यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल की संभावित सूची में शामिल किया गया था।