Asian Games: प्रदेश संघों को मिल सकती है ट्रायल में पहलवानों को उतारने की अनुमति

डीएन ब्यूरो

भारतीय ओलंपिक संघ की तदर्थ समिति प्रदेश कुश्ती संघों को एशियाई खेलों के लिये चयन ट्रायल में अपने चुने हुए पहलवानों को उतारने की अनुमति दे सकती है भले ही वे नयी चयन नीति के अनुरूप निर्धारित टूर्नामेंटों में से किसी एक में पदक जीतने की पात्रता पूरी नहीं करते हों। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
फाइल फोटो


नयी दिल्ली: भारतीय ओलंपिक संघ की तदर्थ समिति प्रदेश कुश्ती संघों को एशियाई खेलों के लिये चयन ट्रायल में अपने चुने हुए पहलवानों को उतारने की अनुमति दे सकती है भले ही वे नयी चयन नीति के अनुरूप निर्धारित टूर्नामेंटों में से किसी एक में पदक जीतने की पात्रता पूरी नहीं करते हों ।

एशियाई खेलों के लिये ट्रायल जून के तीसरे सप्ताह में होंगे । इसकी तारीख की घोषणा इस सप्ताह की जायेगी ।

पिछले साल कोरोना महामारी के कारण स्थगित हुए एशियाई खेल 23 सितंबर से चीन के हांगझोउ में होंगे ।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, भारतीय कुश्ती महासंघ ने पिछले साल एक नीति बनाई थी जिसके तहत प्रतिभावान जूनियर खिलाड़ियों के अलावा राष्ट्रीय चैम्पियनशिप, राष्ट्रीय रैंकिंग टूर्नामेंटों, फेडरेशन कप, अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में पदक जीत चुके पहलवान ही ट्रायल में भाग ले सकते हैं ।

तदर्थ समिति के सदस्य भूपेंद्र सिंह बाजवा ने शुरूआत में ओपन ट्रायल के संकेत दिये थे लेकिन कोचों और रैफरियों ने उन्हें पदक विजेताओं तक ही सीमित रखने की सलाह दी ।

एक सूत्र ने कहा ,‘‘ ओपन ट्रायल निर्धारित समय में पूरे करना काफी मुश्किल हो जाता । यह प्रस्ताव रखा गया है कि यदि प्रदेश संघ को लगता है कि कोई योग्य उम्मीदवार है भले ही जिसने पदक नहीं जीता है तो वह ऐसे उम्मीदवार को ट्रायल में उतार सकता है ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ इस पर अंतिम फैसला जल्दी ही लिया जायेगा । ट्रायल 20 जून के आसपास होंगे । इसकी तारीख की घोषणा एक दो दिन में की जायेगी ।’’

प्रदेश संघ अगर तीन शैलियों में दस वर्गों में अपने उम्मीदवार उतारते हैं तो प्रतियोगियों की संख्या काफी बढ जायेगी ।

बाजवा, कई कोचों, रैफरियों और साइ अधिकारियों ने सोमवार को बैठक में भाग लिया । यह समिति की दूसरी बैठक थी । इससे पहले बाजवा ने मेरठ में संबंधित पक्षों के साथ बैठक की थी ।

सूत्र ने यह भी कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे स्टार पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को ट्रायल में भाग लेने से रोका नहीं जायेगा ।

उन्होंने कहा ,‘‘ प्रदर्शन के कारण उनकी भागीदारी या ट्रायल में भाग लेने पर रोक जैसी कोई बात उठी ही नहीं । बाजवा हर योग्य उम्मीदवार को चयन का पूरा मौका देना चाहते हैं ।’’

प्रदर्शन में शामिल साक्षी मलिक ट्रायल में भाग नहीं ले सकेगी क्योंकि आईओए को डब्ल्यूएफआई द्वारा भेजी गई लंबी सूची में उसका नाम नहीं है ।

इस बीच कई महिला पहलवान लखनऊ के साइ सेंटर में राष्ट्रीय शिविर में भाग नहीं लेना चाहतीं । वहीं कइयों के माता पिता सोनीपत में महिला और पुरूष पहलवानों के संयुक्त शिविर के खिलाफ हैं ।

सूत्र ने कहा ,‘‘ बैठक में संयुक्त राष्ट्रीय शिविर पर भी बात हुई । सदस्यों को बताया गया कि महिला पहलवानों के माता पिता इसके खिलाफ है । उन्हें डर है कि ऐसा होने पर प्रेम प्रसंगों की संख्या बढ जायेगी । यही वजह है कि 2013 से दो अलग अलग शिविर लगाये जा रहे हैं ।’’

महिला पहलवार दिल्ली के आईजी स्टेडियम पर अभ्यास करना चाहती हैं लेकिन वहां होस्टल नहीं है । पटियाला में साइ सेंटर में कुश्ती और भारोत्तोलन के लिये एक ही हॉल है । गांधीनगर (गुजरात) में भी शिविर लगाया जा सकता है लेकिन देखना होगा कि पहलवान इसके लिये तैयार होते हैं या नहीं ।










संबंधित समाचार