जंतर-मंतर के संरक्षण और जीर्णोद्धार के लिये एएसआई ने गठित की समिति, जानिये क्या-क्या बताया हाई कोर्ट को

डीएन ब्यूरो

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया है कि यहां जंतर-मंतर वेधशाला के संरक्षण, जीर्णोद्धार और समुचित संचालन के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

जंतर मंतर
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नयी दिल्ली: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया है कि यहां जंतर-मंतर वेधशाला के संरक्षण, जीर्णोद्धार और समुचित संचालन के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है।

अदालत ने कहा कि उसे उम्मीद है कि स्मारक के संरक्षण, जीर्णोद्धार और समुचित संचालन की दिशा में कदम उठाने के लिए समिति जल्द से जल्द अपनी बैठक आयोजित करगी। अदालत ने इस संबंध में उसके द्वारा किये गये उपायों का संकेत देने संबंधी एक स्थिति रिपोर्ट मांगी।

अदालत का यह आदेश उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 आदेश का पालन न करने के लिए अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के अनुरोध संबंधी एक अवमानना ​​याचिका पर आया है। एएसआई ने एक शपथ पत्र दिया था कि जंतर-मंतर के मूल गौरव को बहाल किया जाएगा।

अदालत ने इस साल की शुरुआत में एएसआई को जंतर-मंतर पर उपकरणों की कार्यक्षमता की मौजूदा स्थिति के बारे में एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

इस मामले में दायर एक हलफनामे में, एएसआई ने नई समिति की बैठक करने और स्मारक के संरक्षण, बहाली और उचित संचालन के लिए सिफारिशें प्रस्तुत करने के लिए आठ सप्ताह का समय मांगा।

हालांकि न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने कहा कि न्याय के हित में एएसआई को समय दिया गया है।

अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘‘हालांकि, यह उम्मीद की जाती है कि नवगठित समिति जल्द से जल्द बैठक आयोजित करेगी ताकि सुनवाई की अगली तारीख से पहले स्मारक के संरक्षण, बहाली और उचित कार्यप्रणाली के लिए उठाए गए कदमों को रिकॉर्ड पर रखा जा सके।’’

अदालत ने अधीक्षण पुरातत्वविद् को 31 अगस्त को सुनवाई की अगली तारीख पर उसके समक्ष उपस्थित रहने के लिए भी कहा।










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