अशोक गहलोत ने वसुंधरा राजे को लेकर उन पर लगे इन आरोपों को किया खारिज, जानिये पूरा मामला
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से ‘अच्छे तालमेल’ के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए शनिवार को कहा कि बीते 15 साल में उनकी राजे से 15 बार भी बातचीत नहीं हुई। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से ‘अच्छे तालमेल’ के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए शनिवार को कहा कि बीते 15 साल में उनकी राजे से 15 बार भी बातचीत नहीं हुई।
डाइनामाइट न्यूज़ के जयपुर संवाददाता के मुताबिक गहलोत ने कहा कि उनके भाजपा नेता राजे से बातचीत वाले रिश्ते कभी नहीं रहे और लोग बेवजह कह रहे हैं कि वे (गहलोत व राजे) मिले हुए हैं।
गहलोत ने यह भी कहा कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का पालन करती है। मुख्यमंत्री का यह बयान कांग्रेस नेता सचिन पायलट द्वारा भ्रष्टाचार व राजस्थान में सरकारी भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने के खिलाफ 'जनसंघर्ष पदयात्रा' के बीच आया है।
उल्लेखनीय है कि गहलोत ने गत रविवार को धौलपुर में एक कार्यक्रम में दावा किया था कि 2020 में कांग्रेस के कुछ विधायकों की बगावत के बावजूद सरकार बच गई क्योंकि भाजपा नेता वसुंधरा राजे व कैलाश मेघवाल ने धन बल के माध्यम से एक चुनी हुई सरकार को गिराने के षड्यंत्र का समर्थन करने से इनकार कर दिया था।
यह भी पढ़ें |
कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलेगा: गहलोत
इसके बाद राजे ने शुक्रवार को कहा कि गहलोत द्वारा उनकी (राजे) तारीफ सद्भावना नहीं, दुर्भावना से की गई टिप्पणी है। वहीं, गहलोत के धौलपुर में दिए गए बयान का जिक्र करते हुए पायलट ने कहा था ‘‘ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री की नेता सोनिया गांधी नहीं बल्कि वसुंधरा राजे सिंधिया हैं।’’
गहलोत ने शनिवार को कुचामन (नागौर) में कहा, ‘‘उनकी (राजे) सोच मेरी सोच में रात दिन का फर्क है। मैंने कहा था की मेरी सरकार बचाने में वसुंधरा जी और कैलाश जी का सहयोग रहा। उसका लोगों ने गलत अर्थ लगा लिया। उन्होंने (राजे ने) ऐसा बिल्कुल नहीं कहा कि मैं आपके साथ खड़ी हूं।’’
गहलोत ने तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत के समय की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय वह (गहलोत) प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष थे और उन्होंने शेखावत सरकार के खिलाफ ‘तख्तापलट’ के प्रयास का विरोध किया था।
गहलोत के अनुसार जब 2020 में उनके खिलाफ बगावत हुई तो वसुंधरा राजे ने भी ऐसा ही किया। गहलोत ने कहा, ‘‘वसुंधरा भी कह रहीं थी कि हमारे यहां ऐसी परंपरा नहीं रही है। इतनी सी बात थी। मैंने धौलपुर में इसका जिक्र कर दिया। मैंने सच्ची बात बताई जो मैंने सुनी थी। इसे इतना बढ़ा चढ़ाकर बताया गया कि वसुंधरा और गहलोत मिले हुए हैं।’’
यह भी पढ़ें |
Rajasthan Elections: राजस्थान चुनाव में इन तीन बड़े चेहरों के इर्दगिर्द करवट ले रहा है जनमत, जानिये किसका पलड़ा भारी
गहलोत ने कहा, ‘‘15 साल में हमने 15 बार बात नहीं की होगी। हमारे बातचीत वाले रिश्ते नहीं हैं।’’
गहलोत ने मौजूदा नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘वसुंधरा राजे के राजेंद्र राठौड़ जैसे सलाहकार थे जो नहीं चाहते कि मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के संबंध अच्छे रहे।’’
गहलोत ने कहा, ‘‘मेरे और वसुंधरा के बातचीत वाले संबंध कभी रहे ही नहीं। लोगों ने भड़काया कि वे मिले हुए है। लोगों को समझना पड़ेगा कि राजनीति में लड़ाई विचारधारा की है।’’
राज्य में भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में गहलोत ने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। दोषी अधिकारी पकड़े जाते हैं। भ्रष्टाचार को लेकर राज्य में जीरो टॉलरेंस की नीति है।’’