Arunachal Pradesh: अरुणाचली अदरक समेत तीन उत्पादों को मिली जीआई पहचान

अरुणाचल प्रदेश की खास अदरक समेत तीन उत्पादों को प्रतिष्ठित भौगोलिक संकेतक (जीआई) का प्रमाण मिला है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 4 January 2024, 1:25 PM IST
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ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश की खास अदरक समेत तीन उत्पादों को प्रतिष्ठित भौगोलिक संकेतक (जीआई) का प्रमाण मिला है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने कहा कि जीआई दर्जा पाने वाले उत्पादों में आदी केकिर (अदरक), तिब्बती निवासियों की हस्तनिर्मित कालीन और वांचू समुदाय की बनाई हुई लकड़ी की वस्तुएं शामिल हैं।

आदी केकिर पूर्वी सियांग, सियांग और ऊपरी सियांग जिलों में उगाई जाने वाली अदरक की एक किस्म है। यह अपने स्वाद और आकार के लिए जानी जाती है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अरुणाचल के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले तिब्बती शरणार्थियों द्वारा बनाए गए हस्तनिर्मित कालीन अपने विशिष्ट डिजाइन एवं बनावट के लिए मशहूर हैं।

वांचू समुदाय के हाथ से बनाए जाने वाले लकड़ी के शिल्प भी अपनी कलाकारी के लिए बेहद खास हैं। कारीगर भगवान बुद्ध, जानवरों और गुड़ियों की मूर्तियां भी बनाते हैं।

अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) इन उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की पहल का समर्थन कर रहा है और वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रहा है।

जीआई पंजीकरण के लिए नाबार्ड से समर्थित ऐसे 18 उत्पादों में से छह उत्पादों को अब तक प्रमाणपत्र मिल चुका है। इसके पहले अरुणाचली याक के दूध से बना पनीर 'याक चुर्पी', नामसाई जिले में उत्पादित चिपचिपे चावल की एक किस्म खामती और चांगलांग जिले के तांगसा कपड़ा को जीआई पहचान मिल चुकी है।

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