अनिल अग्रवाल ने कहा, सेमीकंडक्टर परियोजना के लिए तैयार हैं कई साझेदार
वेदांता समूह की सेमीकंडक्टर परियोजना से ताइवानी साझेदार फॉक्सकॉन के अलग होने के बाद कंपनी के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि इस उपक्रम के लिए कई भागीदार तैयार हैं।
नई दिल्ली: वेदांता समूह की सेमीकंडक्टर परियोजना से ताइवानी साझेदार फॉक्सकॉन के अलग होने के बाद कंपनी के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि इस उपक्रम के लिए कई भागीदार तैयार हैं।
पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार, सेमीकंडक्टर संयंत्र के लिए 19.5 अरब डॉलर का निवेश किया जाना था। उन्होंने कहा कि वेदांता इस साल चिप विनिर्माण के क्षेत्र में प्रवेश करेगी।
अग्रवाल ने हालांकि नए साझेदार के नाम का खुलासा नहीं किया।
होन हाई टेक्नोलॉजी ग्रुप, जिसे फॉक्सकॉन के नाम से भी जाना जाता है, ने इस सप्ताह की शुरुआत में वेदांता के साथ चिप विनिर्माण के संयुक्त उद्यम से हाथ खींच लिया था। फॉक्सकॉन ने हालांकि कहा कि वह सरकार की सेमीकंडक्टर विनिर्माण योजना के तहत आवेदन करना चाहती है।
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वेदांता ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह समूह की एक कंपनी से सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले ग्लास इकाइयों का अधिग्रहण करेगी।
दुनिया के ज्यादातर चिप कुछ देशों में ही बनाए जाते हैं, और भारत इस क्षेत्र में काफी देरी से प्रवेश कर रहा है। इनका इस्तेमाल मोबाइल फोन से लेकर रेफ्रिजरेटर और कारों तक, कई तरह के उपकरणों में होता है।
अग्रवाल ने वेदांता के शेयरधारकों की वार्षिक बैठक में कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में एक बड़ा अवसर है क्योंकि भारत हर साल 100 अरब डॉलर मूल्य के इलेक्ट्रॉनिक्स का आयात करता है। इसमें 30 अरब डॉलर के सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले ग्लास शामिल हैं।
उन्होंने फॉक्सकॉन के पीछे हटने का जिक्र किए बिना कहा, ‘‘हमने अपने सेमीकंडक्टर उद्यम के लिए साझेदार तैयार कर लिए हैं।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘इस साल कंपनी सेमीकंडक्टर फैब और डिस्प्ले फैब के क्षेत्र में कदम रखेगी। यह सरकारी मंजूरियों पर निर्भर करेगा।’’
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उन्होंने कहा कि वेदांता लिमिटेड ने भारत में अबतक 35 अरब डॉलर का निवेश किया है और कंपनी आने वाले वर्षों में विभिन्न कारोबार में ‘‘उल्लेखनीय निवेश’’ करेगी।
अग्रवाल ने कहा कि समूह चालू वित्त वर्ष में 1.7 अरब डॉलर (14,000 करोड़ रुपये) का निवेश करेगा।