Somnath Bharti: धन जारी होने में देरी के कारण डीजेबी के सभी रखरखाव और विकास कार्य ठप्प हुए

डीएन ब्यूरो

दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने शुक्रवार को कहा कि वित्त सचिव की ओर से धन जारी करने में देरी के कारण डीजेबी के सभी रखरखाव और विकास कार्य ''ठप्प'' हो गए हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

सोमनाथ भारती
सोमनाथ भारती


नयी दिल्ली: दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने शुक्रवार को कहा कि वित्त सचिव की ओर से धन जारी करने में देरी के कारण डीजेबी के सभी रखरखाव और विकास कार्य ''ठप्प'' हो गए हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि चूंकि रखरखाव का काम हर दिन होता है और डीजेबी के ठेकेदार बकाया भुगतान न होने के कारण हड़ताल पर हैं, इसलिए जल बोर्ड के कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं।

दिल्ली जल बोर्ड ठेकेदार संघ बकाया भुगतान न होने पर 27 नवंबर से हड़ताल पर है। संघ के महासचिव विनय मंगला ने दावा किया है कि लगभग 1,150 ठेकेदारों ने भुगतान होने तक कामकाज रोक दिया है।

भारती ने कहा, “कई परियोजनाएं जारी हैं और ठेकेदारों को फरवरी से भुगतान नहीं किया गया है। सफाई और पाइपलाइनों की मरम्मत उन्हें बदलने सहित रखरखाव का काम दिल्ली में हर दूसरे दिन होता है। धन के वितरण में देरी के कारण डीजेबी के सभी रखरखाव और विकास कार्य रुक गए हैं।”

उन्होंने कहा कि चूंकि इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी, इसलिए वित्त सचिव को एक न्यायाधीश ने इस मुद्दे के बारे में एक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा था।

उन्होंने कहा, “वित्त विभाग के साथ समस्या है कि वे हमें एक बार में समस्याएं नहीं बताते। इसलिए, ठेकेदार दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख करने के लिए बाध्य हुए। सुनवाई के दौरान, न्यायाधीशों में से एक ने कहा कि वित्त सचिव व्यक्तिगत रूप से हलफनामा दायर करें। इसलिए अब हम उम्मीद कर रहे हैं कि कोष कल तक जारी हो सकता है। लेकिन जब तक यह नहीं आता, हम कुछ नहीं कह सकते।”

धनराशि के भुगतान में देरी के कारण प्रभावित होने वाली परियोजनाओं और कार्यों के बारे में भारती ने कहा कि झुग्गी बस्ती वाले इलाकों और जेजे कॉलोनियों में पानी की आपूर्ति और अन्य रखरखाव परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं।

उन्होंने कहा, “वित्त सचिव ने जो भी मुद्दे उठाए, हम उस पर काम कर रहे हैं। दिल्ली विधानसभा बजट को मंजूरी देती है, इसलिए उसे बजट आवंटित करना होगा। यहां सवाल यह है कि सरकार कौन चलाता है? वित्त सचिव या मुख्यमंत्री?”

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि उनकी सरकार ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) द्वारा दिल्ली जल बोर्ड के पिछले 15 वर्षों के रिकॉर्ड के ऑडिट का आदेश दिया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या कोई अनियमितताएं हुई हैं? दिल्ली भाजपा ने हालांकि दावा किया कि डीजेबी में अनियमितताओं के आरोप लगाने के बाद केजरीवाल सरकार घबरा गई है। भाजपा ने कहा कि वह आम आदमी पार्टी के नेताओं के 'भ्रष्टाचार को उजागर करना' जारी रखेगी।

भारती ने भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि अधिकारियों द्वारा दिल्ली सरकार के बारे में गलत सूचनाएं प्रसारित की जा रही हैं।

भारती ने बताया, ‘‘हमारे प्रशासन के बारे में कुछ चुनिंदा जानकारी है जो भाजपा को लीक हो जाती है। वे इसे कैसे पाते हैं? उनके पास क्या स्रोत है? उपराज्यपाल कार्यालय यह कर रहा है। अधिकारी गलत सूचनाएं फैला रहे हैं। उनके (भाजपा) पास केंद्रीय एजेंसियां हैं, वे इस पर राजनीति करने के बजाय अनियमितताओं की जांच क्यों नहीं करते?’’

 










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