

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय पर 1.28 करोड़ रुपये की स्टांप चोरी का मामला सामने आया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
अलीगढ़: जीटी रोड स्थित राजा महेंद्र प्रताप सिंह सिटी स्कूल की जमीन के बैनामे को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) पर 1.28 करोड़ रुपये की स्टांप चोरी का मामला सामने आया है। एडीएम वित्त एवं राजस्व के न्यायालय से हाल ही में इस संबंध में आदेश जारी किया गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, जांच में सामने आया है कि स्कूल की भूमि दो रास्तों से सटी होने के बावजूद बैनामा में केवल एक मार्ग का उल्लेख कर स्टांप शुल्क जमा कराया गया। इसके अलावा भूखंड के आसपास की व्यावसायिक गतिविधियों को छिपाया गया। जिससे स्टांप शुल्क कम जमा हुआ।
लीज खत्म होने के बाद हुआ था बैनामा
बताया गया कि स्वतंत्रता सेनानी राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने वर्ष 1929 में यह जमीन एएमयू को 90 वर्ष की लीज पर दी थी। लीज अवधि वर्ष 2019 में समाप्त हो गई। इसके बाद राजा महेंद्र प्रताप के प्रपौत्र चरण प्रताप सिंह और एएमयू के बीच समझौता हुआ। जिसके आधार पर मार्च 2022 में 1.97 हेक्टेयर भूमि का बैनामा एएमयू के नाम किया गया। इस दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन ने लगभग चार करोड़ रुपये का स्टांप शुल्क और 58 लाख रुपये की रजिस्ट्री फीस जमा की।
मौके पर मुआयना कर सामने आई गड़बड़ी
तहसील स्तर पर हुई जांच में स्टांप शुल्क में गड़बड़ी पकड़ी गई। एडीएम कोर्ट के निर्देश पर अधिकारियों ने मौके पर भूखंड का मुआयना किया, जिसमें पाया गया कि संबंधित भूखंड दो मुख्य सड़कों से जुड़ा है। साथ ही, भूखंड के आसपास 25 मीटर के दायरे में व्यावसायिक गतिविधियां भी संचालित थीं, जिसके लिए 15% अतिरिक्त स्टांप शुल्क लिया जाना अनिवार्य था।
इस आधार पर एडीएम न्यायालय ने 1.28 करोड़ रुपये की स्टांप चोरी तय की है।
77.96 लाख रुपये - स्टांप शुल्क की कमी
11.12 लाख रुपये - निबंधन शुल्क
38 लाख रुपये - अर्थदंड शामिल
जिले में 25 लाख से अधिक की स्टांप चोरी के 39 मामले लंबित
अलीगढ़ जनपद में इस तरह के 39 मामले लंबित हैं, जिनमें 25 लाख से अधिक की स्टांप शुल्क की चोरी पाई गई है। प्रमुख सचिव अमित गुप्ता ने इन मामलों के शीघ्र निस्तारण के लिए जिलाधिकारी को पत्र भेजा है।
रिपोर्ट के अनुसार डीएम न्यायालय में 30 मामले लंबित हैं। जिनमें 30.88 करोड़ रुपये की स्टांप चोरी तय हुई है। एडीएम स्तर पर पांच वादों में 2.13 करोड़ रुपये और एआईजी स्तर पर चार वादों में 1.94 करोड़ रुपये की चोरी की बात सामने आई है। प्रशासन अब इन मामलों के त्वरित निपटारे की तैयारी में जुटा है, जिससे सरकारी राजस्व की भरपाई की जा सके।