हिमाचल प्रदेश में चंद्रताल में फंसे पर्यटकों के लिए वायु सेना का रेसक्यू ऑपरेशन, जानिये मौसम का ताजा हाल

डीएन ब्यूरो

हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले में चंद्रताल झील में फंसे पर्यटकों को निकालने के लिए भारतीय वायु सेना के एक हेलीकॉप्टर को बुलाया गया है जबकि काजा से एक बचाव दल कुंजुम दर्रा पहुंच गया है तथा वह झील से महज आठ किलोमीटर दूर है। प्रधान सचिव (राजस्व) ओंकार चंद शर्मा ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

फंसे पर्यटकों को निकालने के लिए वायु सेना का हेलीकॉप्टर बुलाया गया
फंसे पर्यटकों को निकालने के लिए वायु सेना का हेलीकॉप्टर बुलाया गया


शिमला:  हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले में चंद्रताल झील में फंसे पर्यटकों को निकालने के लिए भारतीय वायु सेना के एक हेलीकॉप्टर को बुलाया गया है जबकि काजा से एक बचाव दल कुंजुम दर्रा पहुंच गया है तथा वह झील से महज आठ किलोमीटर दूर है। प्रधान सचिव (राजस्व) ओंकार चंद शर्मा ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

जिले में बारिश और हिमपात के बाद 14,100 फुट की ऊंचाई पर स्थित चंद्रताल में शिविरों में करीब 300 लोग फंस गए हैं जिनमें से ज्यादातर पर्यटक हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार शर्मा ने कहा, ‘‘उनमें से दो को अत्यधिक ऊंचाई होने के कारण सांस लेने में दिक्कत हो रही है तथा उन्हें हवाई मार्ग से निकाला जाएगा।’’

उन्होंने बताया कि वहां फंसे सभी लोगों को मंगलवार रात तक सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा। उन्होंने बताया कि सोमवार को पर्वतीय राज्य में विभिन्न स्थानों से करीब 100 लोगों को बचाया गया था।

अधिकारियों ने बताया कि लोसर तथा काजा की तरफ से सड़क मरम्मत के लिए दो दलों को भेजा गया है। दल में प्रशासन, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के सदस्य, पुलिसकर्मी तथा स्थानीय ग्रामीण शामिल हैं।

शर्मा ने बताया कि 24 जून को मानसून आने के बाद से राज्य में 780 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और सड़कों, पुलों तथा जल आपूर्ति योजनाओं को हुए नुकसान के कारण यह आंकड़ा बढ़ने की संभावना है।

राज्य आपात अभियान केंद्र के अनुसार, पिछले तीन दिन से भारी बारिश के कारण शिमला-कालका और मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग समेत 1,239 सड़कें अवरुद्ध हो गयी हैं।

परिवहन विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि हिमाचल रोडवेज परिवहन निगम (एचआरटीसी) के 1,416 मार्गों पर बस सेवाएं निलंबित है जबकि 679 बसों को रास्ते में रोका गया है।

शिमला और मनाली समेत राज्य के कई इलाकों में आवश्यक सामान की आपूर्ति बाधित है। भूस्खलन, सड़कों के धंसने और बाढ़ के कारण चंडीगढ़-मनाली और शिमला-कालका राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हैं।

कुल्लू और मनाली में कई इलाकों में बत्ती गुल है जबकि शिमला समेत कई इलाकों में जल आपूर्ति भी बाधित है।

भूस्खलन के कारण सड़कें अवरुद्ध होने से मनाली शहर और उसके आसपास के इलाकों का संपर्क राज्य के बाकी हिस्सों से टूट गया है। मोबाइल कनेक्टिविटी पर भी असर पड़ा है।

कुल्लू के उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने बताया कि सोमवार शाम से बारिश रुक गयी है और नदियों में जल स्तर कम होने के कारण बचाव अभियान तथा सड़कों की मरम्मत के काम ने गति पकड़ ली है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि मनाली में आज मोबाइल नेटवर्क काम करना शुरू कर देंगे।’’

गर्ग ने बताया कि मनाली, कसोल और पार्वती घाटी में सड़क संपर्क बहाल करने के लिए कर्मियों तथा मशीनों को तैनात किया गया है तथा मनाली रोड पर जल्द ही हल्के वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि कुल्लू और मनाली में राहत शिविर लगाए गए हैं और वहां फंसे लोगों की देखभाल की जा रही है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज कुल्लू, लाहौल और स्पीति तथा मंडी का दौरा करेंगे और प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे।

सोलन के उपनगर शामती में भूस्खलन से दो मकानों तथा एक कार्यालय को नुकसान पहुंचने की भी खबरें हैं।

मौसम विज्ञान विभाग ने शिमला, सिरमौर और कन्नूर जिलों में अचानक मध्यम से बहुत भारी बाढ़ आने की चेतावनी दी है।










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