कृषि सलाह: पारा में उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए गेहूं में हल्की सिंचाई करें

डीएन ब्यूरो

पंजाब और हरियाणा में न्यूनतम तापमान पिछले कुछ दिन से सामान्य से कई डिग्री अधिक रहने के बाद करनाल स्थित आईसीएआर-भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (आईआईडब्ल्यूबीआर) ने गेहूं उत्पादकों को सलाह दी है कि वे जरूरत के अनुरूप जाड़े की फसल गेहूं में हल्की सिंचाई करें।

गेहूं की फसल
गेहूं की फसल


पंजाब और हरियाणा में न्यूनतम तापमान पिछले कुछ दिन से सामान्य से कई डिग्री अधिक रहने के बाद करनाल स्थित आईसीएआर-भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (आईआईडब्ल्यूबीआर) ने गेहूं उत्पादकों को सलाह दी है कि वे जरूरत के अनुरूप जाड़े की फसल गेहूं में हल्की सिंचाई करें।

पिछले कुछ दिन से पंजाब और हरियाणा में न्यूनतम तापमान सामान्य से कई डिग्री ऊंचा चल रहा है। इसी पृष्ठभूमि में उक्त परामर्श जारी किया गया है।

इस स्तर पर बढ़ते तापमान ने गेहूं उत्पादकों को चिंतित कर दिया है क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे उनकी फसल की उपज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

आईआईडब्ल्यूबीआर ने अपनी सलाह में किसानों को गेहूं की फसल में आवश्यकता के अनुसार हल्की सिंचाई करने को कहा है।

परामर्श के अनुसार, तेज़ हवा के मौसम में सिंचाई बंद कर देनी चाहिए, जिससे उपज में कमी आ सकती है।

इसमें आगे कहा गया है कि तापमान के बढ़ने की स्थिति में जिन किसानों के पास स्प्रिंकलर सिंचाई की सुविधा है, वे दोपहर में 30 मिनट के लिए इससे अपने खेत की सिंचाई कर सकते हैं।

परामर्श में कहा गया है कि जिन किसानों के पास ड्रिप सिंचाई की सुविधा है, उन्हें फसल में उचित नमी सुनिश्चित करने की जरूरत है।

किसानों को आगे सलाह दी गई कि वे अपनी गेहूं की फसल में पीले रतुआ रोग की नियमित निगरानी करें।

पीला रतुआ रोग के मामले में, निकटतम कृषि विज्ञान केंद्र, अनुसंधान संस्थान या राज्य कृषि विभाग के कर्मचारियों के कृषि विशेषज्ञ से परामर्श किया जाना चाहिये।

 










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