मणिपुर से लौटने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने की राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात, जानिये पूरा अपडेट

डीएन ब्यूरो

पूर्वोत्तर के हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर की चार दिवसीय यात्रा पूरी करने के बाद राजधानी दिल्ली लौटे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को यहां राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

केंद्रीय गृह मंत्री अमित  शाह ने की राष्ट्रपति द्रौपदी  मुर्मू से मुलाकात
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात


नयी दिल्ली: पूर्वोत्तर के हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर की चार दिवसीय यात्रा पूरी करने के बाद राजधानी दिल्ली लौटे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को यहां राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।

इस मुलाकात में दोनों के बीच क्या बात हुई इसके बारे में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है लेकिन समझा जाता है कि शाह ने इस दौरान मुर्मू को मणिपुर की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया और शांति बहाल करने के प्रयासों की जानकारी दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार शाह ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से शिष्टाचार भेंट की।’’ इसके साथ ही उन्होंने इस मुलाकात की तस्वीर भी साझा की।

लगातार तीन दिनों तक राज्य के विभिन्न हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा करने, मेइती और कुकी दोनों समुदायों के पीड़ितों से मुलाकात करने और राजनीतिक दलों व सामाजिक संगठनों से चर्चा के बाद शाह ने बृहस्पतिवार को घोषणा की थी कि मणिपुर में हुई जातीय हिंसा की जांच के लिए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश स्तर के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग का गठन किया जाएगा।

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इसके अलावा, उन्होंने मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके की अध्यक्षता में एक शांति समिति के गठन और हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए मुआवजे के साथ ही राहत और पुनर्वास पैकेज की भी घोषणा की।

शाह ने हिंसा के लिए मणिपुर उच्च न्यायालय की ओर से ‘जल्दबाजी’ में लिए गए फैसले को दोषी ठहराया था और कहा, ‘‘मणिपुर में जारी संकट का एकमात्र समाधान बातचीत है।’’

ज्ञात हो कि तीन मई को मणिपुर में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री ने पहली बार पूर्वोत्तर राज्य का दौरा किया था।

मणिपुर में ‘जनजातीय एकता मार्च’ के बाद जातीय हिंसा भड़क उठी थी। अनुसूचित जाति (एसटी) के दर्जे की मांग को लेकर मेइती समुदाय ने तीन मई को प्रदर्शन किया था जिसके बाद ‘जनजातीय एकता मार्च’ का आयोजन किया गया था।

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मणिपुर करीब एक महीने से जातीय हिंसा से प्रभावित है और राज्य में इस दौरान झड़पों में इजाफा देखा गया है। कुछ सप्ताह की खामोशी के बाद पिछले रविवार को सुरक्षा बलों एवं उग्रवादियों के बीच गोलीबारी भी हुई।

अधिकारियों ने बताया कि संघर्ष में मरने वालों की संख्या बढ़कर 80 हो गई है।










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