एक्टर विजय वर्मा ने बताया एक अभिनेता को कैसा होना चाहिये, पढ़ें पूरी खबर

डीएन ब्यूरो

अभिनेता विजय वर्मा ने कहा कि एक कलाकार के रूप में वह केवल ध्यान आकर्षित करने में यकीन नहीं रखते, बल्कि उन्हें अपने किरदारों में डूब जाना पसंद है और ‘डार्लिंग्स’ में एक अत्याचारी पति या फिर ‘दहाड़’ में शांत सौम्य शिक्षक की छवि के पीछे छिपे एक सीरियल किलर की उनकी भूमिका इस बात का प्रमाण है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

बॉलीवुड एक्टर विजय वर्मा
बॉलीवुड एक्टर विजय वर्मा


नयी दिल्ली: अभिनेता विजय वर्मा ने कहा कि एक कलाकार के रूप में वह केवल ध्यान आकर्षित करने में यकीन नहीं रखते, बल्कि उन्हें अपने किरदारों में डूब जाना पसंद है और ‘डार्लिंग्स’ में एक अत्याचारी पति या फिर ‘दहाड़’ में शांत सौम्य शिक्षक की छवि के पीछे छिपे एक सीरियल किलर की उनकी भूमिका इस बात का प्रमाण है।

वर्मा ने प्राइम वीडियो पर आयी ‘‘दहाड़’’ में सीरियल किलर की भूमिका के बारे में कहा, ‘‘मैं ध्यान आकर्षित करने की कोशिश में यकीन नहीं रखता। मुझे लगता है कि यह किसी कलाकार का काम नहीं है। मैंने देखा कि मुझे एक आम इंसान के तौर पर उसकी भूमिका निभानी है। अगर मैं सामान्य से हटकर कुछ करता तो फिर मेरे आसपास के किरदार बेवकूफ दिखायी देते, जैसे कि वे कैसे नहीं देख पाए कि यह आदमी ठीक नहीं है?’’

अभिनेता ने डाइनामाइट न्यूज़ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘उसे लोगों को मूर्ख बनाने में माहिर होना था और वह जानता था कि साधारण परिदृश्य में इसे कैसे छिपाना है। अभिनय का पटकथा से मिलान होना चाहिए था।’’

उन्होंने कहा कि उनके लिए किसी भी फिल्म या सीरीज में काम करने का सबसे बड़ा पैमाना उसकी पटकथा होती है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने आप को दोहरा नहीं सकता। मैं खुश हूं कि मेरे पास एक माध्यम है, एक दर्शक वर्ग है। जब तक लोग मुझे देखना चाहेंगे, मैं अच्छा काम करते रहना चाहता हूं।’’

पुणे के भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) से स्नातक वर्मा ने अभिनय की तुलना खेलों से करते हुए कहा कि क्रिकेट या फुटबॉल में जब किसी महान खिलाड़ी को देखते हो तो ऐसा लगता है कि वे जो कर रहे हैं उसमें उन्हें आनंद आ रहा है। उन्होंने कहा कि इसी तरह वह अभिनय से आनंद उठाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

वह तेजाब हमले की जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी की कहानी वाली अपनी अगली वेब सीरीज ‘‘काल कूट’’ में एक सकारात्मक किरदार निभा रहे हैं। यह 27 जुलाई को जियोसिनेमा पर प्रसारित होगी।

हैदराबाद के मारवाड़ी परिवार में पले-बढ़े वर्मा ने कहा कि उन्होंने कई चीजें करने की कोशिश की लेकिन उन्हें कहीं न कहीं लगता था कि वह अभिनय के लिए ही बने हुए हैं।

वह बचपन में फिल्मों से ज्यादा कॉमिक किताबें पड़ना ज्यादा पसंद करते थे। उन्होंने पुणे में एफटीआईआई में चयन होने के बाद ही फिल्में देखना शुरू किया। उससे पहले वह एक कॉल सेंटर में काम करते थे। उन्होंने मॉडलिंग में भी हाथ आजमाया था।

‘‘कालकूट’’ के अलावा वर्मा ‘‘मिर्जापुर’’ के तीसरे सीजन, होमी अदजानिया की फिल्म ‘‘मर्डर मुबारक’’ और सुजॉय घोष के निर्देशन वाली ‘‘डिवोशन ऑफ सस्पेक्ट एक्स’’ फिल्म में दिखायी देंगे।










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