‘रोजगार के अधिकार’ के लिए दबाव बनाने के इरादे से करीब 100 युवा संगठनों ने बनाया साझा मंच
नौकरी के आकांक्षी युवाओं सहित एक सौ से अधिक संगठनों ने एकजुट होकर ‘रोजगार के अधिकार’के लिए ‘राष्ट्रव्यापी युवा आंदोलन’ शुरू करने का फैसला किया है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: नौकरी के आकांक्षी युवाओं सहित एक सौ से अधिक संगठनों ने एकजुट होकर ‘रोजगार के अधिकार’के लिए ‘राष्ट्रव्यापी युवा आंदोलन’ शुरू करने का फैसला किया है।
‘संयुक्त युवा मोर्चा’ ने कहा कि वह सभी वयस्कों को ‘रोजगार के अधिकार’ की कानूनी गारंटी देने लिए अभियान चलाएगा और न्यूनतम वेतन की लड़ाई लड़ेगा।
उसने कहा कि वह सार्वजनिक क्षेत्र में सभी रिक्त पदों को ‘निष्पक्ष तरीके से एवं निश्चित समयसीमा के अंदर’ भरने की भी मांग करेगा।
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मोर्चा द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, बिहार एवं मध्य प्रदेश के शिक्षक अभ्यर्थी, उत्तर प्रदेश के पुलिस उम्मीदवार, सेना एवं रेलवे के अभ्यर्थी, आशाकर्मी, तथा पंजाब, तमिलनाडु, केरल, जम्मू कश्मीर समेत 22 राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के कई ऐसे अन्य संगठन इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए साथ आये हैं।
इस अभियान को समर्थन दे रहे वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि इस संगठन में ‘‘लोकपाल से भी बड़ा एक आंदोलन बनने की क्षमता है।’’
भारतीय पुलिस सेवा के सेवानिवृत अधिकारी यशोवर्धन आजाद ने कहा, ‘‘ बेरोजगार युवाओं के बीच बहुत असंतोष है। युवा आंदोलन में इस निराशा को आशा में तब्दील कर देने की क्षमता है।’’
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यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए संयुक्त युवा मोर्चा नेता अनुपम ने कहा कि जून में दिल्ली में राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने से पहले पूरे देश में युवा महापंचायतें आयोजित की जाएंगी।
अनुपम ने कहा, ‘‘बेरोजगारी युवाओं के लिए जीवन और मरण का मामला है। आत्महत्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हमारे देश के युवाओं को सरकार से आश्वासन की जरूरत है कि उनके भविष्य को दांव पर नहीं लगाया जाएगा। यह भरोसा ‘भारत रोजगार संहिता’ से आ सकता है। इसके लिए एकजुट होकर लड़ने की जरूरत है। ’’