दिल्ली में बेघर लोगों को ठंड से बचाने के लिए कुल कुल 190 तंबू लगाए गए

डीएन ब्यूरो

राष्ट्रीय राजधानी में तापमान में गिरावट और शीत लहर के प्रकोप के बीच दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) ने रात में बेघरों को ठहराने और उन्हें ठंड से बचाने के लिए शहर भर में 'रैन बसेरों' के तौर पर 190 तंबू लगाए हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

बेघर लोगों को ठंड से बचाने के लिए तंबू लगाए
बेघर लोगों को ठंड से बचाने के लिए तंबू लगाए


नयी दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में तापमान में गिरावट और शीत लहर के प्रकोप के बीच दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) ने रात में बेघरों को ठहराने और उन्हें ठंड से बचाने के लिए शहर भर में 'रैन बसेरों' के तौर पर 190 तंबू लगाए हैं। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार डीयूएसआईबी के सदस्य विशेषज्ञ बिपिन राय ने  बताया कि इन तंबुओं में लगभग 8,000 लोग रह सकते हैं। इसके अलावा लगभग 60 तंबू तैयार रखे गए हैं और आवश्यकता के अनुसार इनका उपयोग किया जाएगा।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार दिल्ली में सोमवार को इस महीने का अब तक का सबसे ठंडा दिन दर्ज किया गया जिसमें न्यूनतम तापमान घटकर 5.3 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। यह इस मौसम के औसत तापमान से दो डिग्री कम है और हिल स्टेशन नैनीताल के सामान है।

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बिपिन राय ने कहा, ‘‘ हमने अब तक 190 विशेष तंबू लगाए हैं और 60 तंबू तैयार रखे गए हैं। हम आम तौर पर 350 तंबू तैयार रखते हैं और आवश्यकता के अनुसार उन्हें स्थापित करते हैं। लगभग 8,000 लोग रात में डीयूएसआईबी द्वारा स्थापित तंबुओं में रह रहे हैं और दिन के दौरान लगभग 4,000 लोग रह रहे हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हम औसतन एक दिन में विभिन्न स्थानों से 200 से 300 लोगों को बचाते हैं। पहले, हम इन बचाए गए लोगों को चाय और नाश्ता उपलब्ध कराते थे। लेकिन, अब हमने इन लोगों को दिन में तीन बार भोजन उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है। ’’

डीयूएसआईबी ने दिसंबर 2023 में दिल्ली सरकार की शीतकालीन कार्य योजना के हिस्से के रूप में स्थापित अस्थायी तंबू आश्रयों में बेघर लोगों को स्थानांतरित करना शुरू कर दिया था।

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इसके मद्देनजर दिल्ली में व्यवस्थाओं के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिए कुल 15 बचाव टीम तैनात की गयी हैं। यह टीम बेघर लोगों के समूहों की पहचान करती हैं और नियंत्रण कक्ष को इस बारे में सूचित करती हैं, जो ऐसे लोगों को अस्थायी आश्रयों में स्थानांतरित करने के लिए स्वयंसेवकों को भेजता है। चिकित्सकों की टीम भी सप्ताह में दो बार इन आश्रय स्थलों का दौरा करती हैं।

दिल्ली सरकार के अनुसार मौजूदा समय में शहर में 7,092 लोगों की कुल क्षमता वाले 195 आश्रय गृह कार्यरत हैं। डीयूएसआईबी की टीम हर दिन रात 10 बजे से सुबह चार बजे तक सड़कों या खुली जगहों पर रहने वाले बेघर लोगों को ले जाती है। प्रत्येक बचाव दल एक वाहन, चालक और दो परिचारकों से लैस होता है।

दिल्ली में बेघर लोगों को ट्रैक करने और बचाने के लिए एक मोबाइल ऐप, 'रेन बसेरा' भी उपलब्ध है। इसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।










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