कोल्हुई में लगती हैं बकरों की बड़ी मंडी, कई जिले के व्यापरियों का लगता है जमावड़ा, जानिए इस साल बकरीद पर कैसा रहा बकरे का बाजार

डीएन संवाददाता

ईद-उल-अजहा (बकरीद) 17 जून को अदब और अहतराम के साथ मनाई जाएगी। अल्लाह के नाम पर कुर्बानी देने के लिए लोगों ने तैयारी भी शुरू कर दी है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

बकरा मंडी
बकरा मंडी


कोल्हुई (महराजगंज): ईद-उल-अजहा (बकरीद) 17 जून को अदब और अहतराम के साथ मनाई जाएगी। अल्लाह के नाम पर कुर्बानी देने के लिए लोगों ने तैयारी भी शुरू कर दी है।

कुर्बानी के लिए बकरों की खरीदारी जोर शोर से हो रही है। महराजगंज जिले के कोल्हुई  बाजार मे लगने वाला बकरा मंडी करीब 40 साल पुरानी है। यहां आसपास के गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर समेत आधा दर्जन जिलों से लोग बकरे की खरीद -बिक्री करने आते हैं।

बकरा पर भी दिखा महंगाई का असर
सुबह 5 बजे से ही बकरा मंडी सज जाती है। करीब 11 बजे दिन तक खरीद फरोख्त चलता है। इस बार बाजार में करीब दस हजार रुपये से लेकर चालीस हजार रुपये तक के बकरे बिके हैं।

महंगाई का असर कुर्बानी के जानवरों पर साफ नजर आ रहा है। व्यापारियों की मानें तो इस साल बकरे की कम संख्या आने से बकरे अधिक दाम में बिके।

इस नस्ल के बकरों की खास डिमांड
बाजार में देसी, सिरोही, जमुनापरी, काल्पी आदि नस्ल के बकरे बिकने के लिए आ रहे हैं। 

बकरा खरीदने की लगी होड़ 
मुस्लिम समुदाय में बकरीद का विशेष महत्व है। हर कोई विशेष योजना के साथ बकरे खरीदने आता है। इस बार गर्मी ज़्यादा है, जिस वजह से सभी चाह रहे हैं कि जल्दी क़ुरबानी का बकरा खरीद लिया जाये।

बकरीद से पहले बकरे की देखरेख करना, उसको पालना अच्छा माना जाता है। इसलिए सभी कोशिश करते हैं कि जैसे ही बाजार में बकरों की अच्छी नस्ल मौजूद हो तभी खरीद लिए जाये।
भीषण गर्मी मे पेयजल व्यवस्था फेल  
बकरीद पर्व का दिन में बस दो दिन ही शेष बचे हैं। ऐसे में बकरा मंडी में सुबह से ही सैकड़ों लोगों की भीड़ जुटना शुरू हो गई। भीषण गर्मी से लोग ग़मछा, रुमाल से मुंह पोछते दिखे।

बाजार में  पेयजल की व्यवस्था नहीं होने से लोग काफी बेहाल रहे। 11 बजते-बजते बकरा मंडी मे सन्नाटा पसर गया।










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