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Uttar Pradesh: इस जिले में 60 प्रतिशत अवैध वक्फ बोर्ड की जमीन, अब चलेगा पीला पंजा!

आपको जानकर हैरानी होगी कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में वक्फ बोर्ड की 60 प्रतिशत अवैध जमीन है। अब इस जमीन पर उत्तर प्रदेश सरकार का पीला पंजा चलाने की तैयारी है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Uttar Pradesh: इस जिले में 60 प्रतिशत अवैध वक्फ बोर्ड की जमीन, अब चलेगा पीला पंजा!

लखीमपुर: लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक के बहुमत से पारित होने के बाद जिले में वक्फ बोर्ड से जुड़ी चर्चाएं तेज हो गई हैं। 

कुल 2,630 वक्फ संपत्तियां 

डाइनामाइट न्यूज संवादाता के अनुसार, जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार जिले में कुल 2,630 वक्फ संपत्तियां पाई गई हैं। इनमें से करीब 60 प्रतिशत संपत्तियां सरकारी जमीनों जैसे ग्राम समाज और नजूल की जमीनों पर अवैध कब्जे के जरिए बनाई गई पाई गई हैं। 

5 प्रतिशत का कोई ब्यौरा नहीं

रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि शेष 40 प्रतिशत संपत्तियों में से लगभग 5 प्रतिशत का कोई स्पष्ट वैधानिक ब्यौरा नहीं है। जिससे इन्हें भी संदिग्ध श्रेणी में रखा गया है। सबसे अधिक वक्फ संपत्तियां लखीमपुर सदर तहसील में हैं। जहां 872 संपत्तियां पाई गई हैं। जिनमें से 870 सुन्नी वक्फ बोर्ड और 2 शिया वक्फ बोर्ड के पास हैं।  

कई संपत्तियों का क्षेत्रफल राजस्व अभिलेखों में दर्ज नहीं

धौरहरा, मोहम्मदी, मितौली, निघासन, पलिया और गोला गोकर्णनाथ तहसीलों में भी वक्फ संपत्तियों की बड़ी संख्या पाई गई है। इन संपत्तियों में से 2,620 सुन्नी वक्फ बोर्ड और 10 शिया वक्फ बोर्ड के पास हैं। जांच में पाया गया कि कुछ जमीनें पूर्व सरकारों के आदेश से वक्फ बोर्ड को आवंटित की गई थीं। जिन्हें अब अवैध कब्जे के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसके अलावा कई संपत्तियों का क्षेत्रफल राजस्व अभिलेखों में दर्ज नहीं है।  

18 संपत्तियों को सरकारी जमीन दर्ज किया जाएगा

सरकार ने इन विवादास्पद संपत्तियों के खिलाफ कार्रवाई प्रारंभ कर दी है। पहले चरण में 18 संपत्तियों को सरकारी जमीन के रूप में दोबारा दर्ज किया जाएगा। हाईकोर्ट लखनऊ के आदेश के तहत 11 दिसंबर 2023 को इन संपत्तियों को वक्फ के रूप में दर्ज किए जाने को अवैध करार दिया गया था। एडीएम संजय कुमार सिंह ने बताया कि सदर तहसील में आठ, गोला तहसील में छह और निघासन तहसील में चार वक्फ संपत्तियों को खारिज कर पुनः सरकारी जमीन के रूप में दर्ज किया जाएगा। इस कदम से जिले में वक्फ संपत्तियों के सही रिकॉर्ड को सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति होगी।

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