

बीएचयू के विधि संकाय से एलएलबी और एलएलएम करने के बाद पटना में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट नियुक्त हुए प्रतीक त्रिपाठी ने उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा परीक्षा में तीसरी रैंक हासिल की है। वह अपनी इस सफलता को परिजनों के उत्साहवर्द्धन के साथ ही अपनी मेहनत का परिणाम मानते हैं। देखें डाइनामाइट न्यूज़ पर उनके परीजनों का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू..
आजमगढ़: मूलरूप से आजमगढ़ के रहने वाले प्रतीक त्रिपाठी ने ना सिर्फ अपने परिवारा का ही नाम रौशन किया है, बल्कि अपने जिले और राज्य का नाम भी ऊंचा किया है। उन्होनें अपनी इस सफलता का श्रेय अपने परिजनों को दिया है।
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मूलरूप से आजमगढ़ के गांधीनगर निवासी प्रतीक के पिता हरीश त्रिपाठी वर्तमान में बरेली में एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज हैं। प्रतीक के ताऊ डॉ. लालजी तिवारी आजमगढ़ के सदर अस्पताल से वरिष्ठ परामर्शदाता के पद से रिटायर हुए हैं। डाइनामाइट न्यूज से बातचीत मे उन्होंने बताया कि उन्होनें प्रतीक को प्रारंभिक शिक्षा दी, प्रतीक की शुरुआती शिक्षा गोरखपुर में हुई थी। इसके बाद उन्होनें कानपुर में हाइ स्कूल की पढ़ाई की। ग्रेजुएशन दिल्ली से और बीएचू से एलएलबी की। इसके बाद उन्होनें पढ़ाई छोड़ कर न्यायिक सेवा की तैयारी की। साल 2018 मार्च में उन्होनें बिहार ज्यूडिशियल में ज्वाइन किया। साथ ही उन्होनें प्रतीक की इस सफलता पर खुशी जाहिर की है।
प्रतीक की मां और बहन से इस बारे में पूछने पर उन्होनें बोला कि प्रतीक के सलेक्शन होने से हम बहुत ही ज्यादा खुश हैं। वहीं मौहल्ले वालों ने भी प्रतीक की इस सफलता पर खुशी जाहिर की है। उन्होनें कहा की आजमगढ़ के लिए ये बहुत बड़ा बात है, सभी लोग यहां बहुत खुश हैं।