

इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के ट्रस्टी एसएम ख़ान की ओर से बुधवार को नई दिल्ली में भारत रत्न डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की याद में दूसरे मेमोरियल लेक्चर का आयोजन किया गया। इसके मुख्य वक्ता उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू रहे।
नई दिल्ली: देश के नौजवानों को भारत रत्न डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के दिखाये रास्ते पर चलना चाहिये ताकि उनके आदर्श भारत के सपने को साकार किया जा सके। यह कहना है उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू का।
यह बात आज शाम उन्होंने राजधानी के इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में आयोजित भारत रत्न डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के द्वितीय व्याख्यान समारोह में कही।
नायडू ने कहा कि भारत रत्न डा. कलाम ने जिस भारत का सपना देखा था, उसे पूरा करने की दिशा में हम सबको एक साथ चलना होगा और उनके बताये मार्ग को अपनाना होगा।
अपने भावपूर्ण संबोधन में उप राष्ट्रपति ने कलाम साहब के साथ बिताये गये लम्हों का विस्तार से जिक्र किया और इस अनुभव के लिए खुद को भाग्यशाली बताया। उन्होंने लोगों से अपील की कि सभी लोग मातृ भाषा को जरुर सीखें और बोलें। नायडू ने कहा लोग चाहे जितना भी भाषा को जानें, यह अच्छी बात है लेकिन मातृभाषा को अवश्य प्राथमिकता दें।
खचाखच भरे हाल में उपस्थित गणमान्य लोगों को संबोधित करते हुए डा. कलाम के पूर्व मीडिया सलाहकार और दूरदर्शन समाचार के पूर्व महानिदेशक एसएम ख़ान ने भी डा. कलाम के साथ अपनी यादों को साझा किया।
इस दौरान इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के अध्यक्ष सिराजुद्दीन कुरैशी, भारत में फिलिस्तीनी राजदूत अदनान अबू अल हैजा, आस्ट्रेलियन उच्चायोग के काउंसिलर, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष एम. शशिधर रेड्डी, पूर्व एमएलसी नसीब पठान, वरिष्ठ आईआईएस अधिकारी एए राव, जदयू (एस) नेता दानिश अली सहित सैकड़ों की संख्या में गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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