दिल्ली में डॉक्टरों की 24 घंटे की हड़ताल,पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों का करेंगे समर्थन
राष्ट्रीय राजधानी में कई सरकारी और निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं सोमवार को बाधित रहेंगी क्योंकि सैकड़ों डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल में हड़ताल कर रहे डॉक्टरों के समर्थन में काम का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में कई सरकारी और निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं सोमवार को बाधित रहेंगी क्योंकि सैकड़ों डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल में हड़ताल कर रहे डॉक्टरों के समर्थन में काम का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
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भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने आकस्मिक चिकित्सा सेवाओं को छोड़कर हड़ताल की शुरुआत की है। आईएमए सदस्य यहां अपने मुख्यालय पर भी धरना देंगे।
Delhi: Resident Doctors' Association of All India Institute of Medical Sciences (#AIIMS) holds protest march against violence against doctors in West Bengal. pic.twitter.com/A2TyjiM8PO
— ANI (@ANI) June 17, 2019
केंद्र सरकार द्वारा संचालित सफदरजंग अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, आरएमएल अस्पताल के साथ-साथ दिल्ली सरकार के जीटीबी अस्पताल, डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल, संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल और दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल के डॉक्टर भी हड़ताल में शामिल हो रहे हैं।
शीर्ष चिकित्सा संस्था आईएमए ने कहा कि सभी ओपीडी, नियमित ऑपरेशन थिएटर सेवाएं और वार्ड का निरीक्षण 24 घंटे के लिए सोमवार सुबह छह बजे से मंगलवार सुबह छह बजे तक स्थगित रहेगा।
उसने कहा कि हालांकि आपातकालीन और आईसीयू सेवाएं काम करती रहेंगी। दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने परिसर में सुबह आठ बजे से नौ बजे तक प्रदर्शन मार्च किया और दोपहर 12 बजे से वे हड़ताल में शामिल होंगे। पहले इन्होंने हड़ताल में शामिल ना होने का फैसला लिया था लेकिन बाद में सुबह आम सभा में हड़ताल का फैसला लिया गया।
एम्स आरडीए द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, ‘‘हम एक बार फिर पश्चिम बंगाल प्रशासन से हड़ताल कर रहे डॉक्टरों की मांगों को पूरा करने और आम जनता के हित में जल्द से जल्द इस मामले को मैत्रीपूर्ण ढंग से सुलझाने का अनुरोध करते हैं। इस बीच, दिल्ली चिकित्सा संघ (डीएमए) और फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) ने हड़ताल को अपना समर्थन दिया है।
डीएमए द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, ‘‘डॉक्टरों और अस्पतालों के खिलाफ हिंसा के विरोध में 17 जून को 24 घंटे के लिए आईएमए की हड़ताल का समर्थन करने के लिए कार्यकारी समिति की आपात बैठक हुई। सभी क्लिनिक, नर्सिंग होम्स, डायग्नोस्टिक केंद्रों और अस्पतालों से अपनी नियमित सेवाएं बंद रखने का अनुरोध किया जाता है।’’ हालांकि आकस्मिक सेवाएं हड़ताल के दायरे से बाहर होंगी।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक मरीज के परिजनों ने दो डॉक्टरों पर कथित तौर पर हमला कर दिया, जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गये, जिसके बाद 11 जून से जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं। मरीज की मौत अस्पताल में हो गई थी। इनके समर्थन में देशभर के डॉक्टरों ने काम ना करने का फैसला किया है। आईएमए ने डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हिंसा से निपटने के लिए केंद्रीय कानून की मांग की है। (भाषा)