

गौतम गंभीर के भारतीय टीम का कोच बनने के बाद रोहित शर्मा, विराट कोहली और आर. अश्विन द्वारा लिए गए करियर फैसलों पर सवाल उठने लगे हैं। पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि इन दिग्गजों पर संन्यास का दबाव बनाया गया।
गौतम गंभीर, रोहित शर्मा और विराट कोहली (Img: Internet)
New Delhi: भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल खिलाड़ियों में गिने जाने वाले रोहित शर्मा, विराट कोहली और रविचंद्रन अश्विन ने हाल ही में अपने करियर को लेकर चौंकाने वाले फैसले लिए हैं। अश्विन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को पूरी तरह अलविदा कह दिया है, जबकि रोहित और विराट ने टेस्ट और टी20 इंटरनेशनल से संन्यास ले लिया है और अब केवल वनडे क्रिकेट खेलेंगे। इन फैसलों के समय और परिस्थिति को देखते हुए कई सवाल उठ रहे हैं, खासकर तब जब गौतम गंभीर को भारतीय टीम का नया मुख्य कोच नियुक्त किया गया है।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने इस मामले में गौतम गंभीर को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि गंभीर के कोच बनने के बाद ही इन दिग्गजों पर दबाव बना, जिससे उन्होंने संन्यास जैसे फैसले लिए।
गौतम गंभीर (Img: Internet)
मनोज तिवारी ने कहा, “अश्विन और रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ी कोच और सपोर्ट स्टाफ से ज़्यादा अनुभवी और सफल हैं। अगर वे किसी बात से असहमत होते हैं, तो सवाल उठाना उनका अधिकार है। लेकिन जब से गंभीर कोच बने हैं, विवादों की शुरुआत हो गई है।” उन्होंने कहा कि रोहित और विराट का टेस्ट और टी20 से हटना और अश्विन का संन्यास लेना महज संयोग नहीं हो सकता।
मनोज तिवारी का मानना है कि रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे खिलाड़ी अभी भी भारत के लिए बहुत मूल्यवान हैं, खासकर 2027 वनडे वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए। उन्होंने कहा, “इन दिग्गजों को वनडे टीम से हटाना इतना आसान नहीं है। उनका अनुभव और प्रदर्शन भारत को आगे ले जा सकता है। अगर उन्हें टीम से बाहर किया गया, तो यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ी चूक होगी।”
तिवारी ने आशंका जताई कि ड्रेसिंग रूम में यदि इन खिलाड़ियों को ऐसा महसूस हो कि अब उनकी जरूरत नहीं रही, तो वे भावनात्मक रूप से आहत होकर संन्यास का फैसला ले सकते हैं।
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि रोहित और विराट अभी खेलना चाहते हैं। लेकिन अगर उन्हें लगे कि उनकी इमेज को नुकसान हो रहा है या टीम में उन्हें अहमियत नहीं दी जा रही, तो वे खुद ही अलग हो सकते हैं।”
इस पूरे घटनाक्रम से यह सवाल उठता है कि क्या गौतम गंभीर भारतीय टीम में एक नए युग की शुरुआत करना चाहते हैं? अगर हां, तो क्या वह इसे सही तरीके से संभाल पाएंगे या फिर यह दिग्गजों के साथ ‘अन्याय’ के रूप में देखा जाएगा? हालांकि, इन सवालों का जवाब को समय के साथ-साथ मिलते रहेगा।