

भारत-ऑस्ट्रेलिया वनडे सीरीज से पहले बीसीसीआई ने बड़ा बदलाव करते हुए रोहित शर्मा को कप्तानी से हटा दिया और शुभमन गिल को नया कप्तान बनाया है। साथ ही, बोर्ड ने साफ कर दिया है कि विराट और रोहित जैसे सीनियर खिलाड़ियों को अब घरेलू क्रिकेट खेलना अनिवार्य होगा।
रोहित शर्मा और विराट कोहली (Img. Internet)
New Delhi: टीम इंडिया के सीनियर खिलाड़ियों रोहित शर्मा और विराट कोहली को अब उनकी सीनियरिटी का फायदा नहीं मिलेगा। बीसीसीआई ने साफ कर दिया है कि अगर वे 2027 वर्ल्ड कप खेलना चाहते हैं, तो उन्हें घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन करना होगा। लगातार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के कारण घरेलू टूर्नामेंट से दूरी बनाए रखने वाले इन दिग्गजों के लिए अब सख्त नियम लागू हो गए हैं।
वनडे प्रारूप में लंबे समय तक टीम की अगुआई करने वाले रोहित शर्मा को अब कप्तानी से हटा दिया गया है। बीसीसीआई ने उनकी जगह शुभमन गिल को तीन मैचों की वनडे सीरीज के लिए कप्तान बनाया है। यह फैसला 2027 वनडे विश्व कप को ध्यान में रखते हुए भविष्य की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है। गिल को यह जिम्मेदारी सौंपना युवा खिलाड़ियों को आगे लाने की नीति का हिस्सा माना जा रहा है।
बीसीसीआई ने एक और सख्त निर्णय लेते हुए साफ कर दिया है कि अब विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे सीनियर खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट खेलना अनिवार्य होगा। चयन समिति के प्रमुख अजीत अगरकर ने 5 अक्टूबर 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, "जब भी खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय चयन के लिए उपलब्ध नहीं होंगे, उन्हें घरेलू टूर्नामेंट जैसे विजय हजारे ट्रॉफी खेलनी होगी।"
रोहित शर्मा और विराट कोहली (Img: Internet)
बीसीसीआई पहले ही जनवरी में यह फैसला ले चुकी थी कि सभी उपलब्ध खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट में भाग लेना होगा, लेकिन अब इसे सख्ती से लागू किया जा रहा है।
अगरकर ने दोहराया कि 2027 वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए अब हर खिलाड़ी का चयन प्रदर्शन के आधार पर ही होगा, चाहे वो कितना भी अनुभवी क्यों न हो। विराट कोहली (36) और रोहित शर्मा (38) अब केवल वनडे क्रिकेट में ही सक्रिय हैं, क्योंकि उन्होंने टेस्ट और टी20 फॉर्मेट से संन्यास ले लिया है। ऐसे में घरेलू क्रिकेट में उनकी उपस्थिति न सिर्फ उनकी फॉर्म साबित करने के लिए ज़रूरी है, बल्कि यह युवा खिलाड़ियों के लिए भी एक मिसाल बनेगी।
बीसीसीआई के ये कदम भारतीय क्रिकेट में अनुशासन और प्रदर्शन को प्राथमिकता देने की दिशा में बड़ा संकेत हैं। कप्तानी में बदलाव और घरेलू क्रिकेट के लिए अनिवार्यता, दोनों ही फैसले यह दर्शाते हैं कि अब सीनियरिटी नहीं, बल्कि फिटनेस और फॉर्म ही चयन की कसौटी होंगे। यह रणनीति टीम को आगामी विश्व कप के लिए और भी मजबूत बनाने की दिशा में उठाया गया एक निर्णायक कदम है।