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IPL ऑक्शन में खिलाड़ियों के नाम वापस लेने को लेकर BCCI ने सख्त दिशा-निर्देश लागू किए हैं। नियम का उद्देश्य लीग और टीमों की तैयारी को सुरक्षित रखना है और यह सुनिश्चित करना है कि सभी खिलाड़ी जिम्मेदारी से ऑक्शन में शामिल हों।
IPL ऑक्शन के बाद खिलाड़ी ले सकते हैं नाम वापस (Img: Internet)
New Delhi: IPL 2026 का मिनी-ऑक्शन कुछ ही घंटों में होने वाला है, और हर साल की तरह इस बार भी विदेशी खिलाड़ियों की भागीदारी को लेकर चर्चा तेज है। अक्सर देखा गया है कि कुछ विदेशी खिलाड़ी ऑक्शन में हिस्सा लेते हैं लेकिन टूर्नामेंट शुरू होने से पहले अपना नाम वापस ले लेते हैं। यह स्थिति फ्रेंचाइजियों और लीग दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होती है, क्योंकि टीमों ने उनके लिए बड़ी रकम खर्च की होती है और स्क्वाड प्लानिंग पूरी तरह से तैयार होती है।
पिछले कुछ सालों में बार-बार ऐसी घटनाओं को देखते हुए BCCI ने अब एक नया नियम बनाया है। इसके तहत, खिलाड़ी IPL से नाम वापस ले सकते हैं, लेकिन इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। यदि नाम वापस लेने की वजह चोट है, तो खिलाड़ियों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। इसके लिए चोट की पुष्टि उनके होम बोर्ड द्वारा की जानी चाहिए। इस नियम का उद्देश्य टीमों और लीग दोनों को नुकसान से बचाना और खिलाड़ियों की जिम्मेदारी तय करना है।
IPL ऑक्शन के बाद खिलाड़ी ले सकते हैं नाम वापस (Img: Internet)
यदि किसी खिलाड़ी ने चोट के अलावा किसी और कारण से अपना नाम वापस लिया, तो उस पर IPL में दो साल का बैन लगाया जा सकता है। यह कदम BCCI की सख्त नीति को दर्शाता है और फ्रेंचाइजियों को भरोसा दिलाता है कि उनकी योजनाओं के साथ कोई मनमानी नहीं होगी। इस नियम का असर न सिर्फ खिलाड़ियों पर पड़ेगा, बल्कि विदेशी खिलाड़ियों की भागीदारी को लेकर टीमों की रणनीतियों पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा।
IPL 2026 मिनी-ऑक्शन में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को भी पहले के नियमों का पालन करना होगा। जिन खिलाड़ियों ने मेगा ऑक्शन के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था, वे इस मिनी-ऑक्शन में हिस्सा लेने के लिए एलिजिबल नहीं हैं। इसका मतलब है कि सभी भाग लेने वाले खिलाड़ियों को पहले से लीग की प्रक्रियाओं और नियमों को पूरा करना आवश्यक है।
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क्रिकेट फैंस का मानना है कि BCCI का यह कदम सही और समय की जरूरत के अनुसार है। अब टीमों को पता है कि ऑक्शन में खरीदे गए खिलाड़ी टूर्नामेंट में भाग लेंगे या नहीं, और इसी आधार पर वे अपनी रणनीति तैयार कर सकती हैं। साथ ही, खिलाड़ियों को भी अपनी जिम्मेदारी का एहसास होगा और वे बिना उचित वजह के नाम वापस लेने से बचेंगे।