New Delhi: भारतीय फुटबॉल की सबसे बड़ी लीग, इंडियन सुपर लीग (आईएसएल), इस समय गंभीर संकट से गुजर रही है। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) और फुटबॉल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड (एफएसडीएल) के बीच मास्टर राइट्स एग्रीमेंट (एमआरए) को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। यही कारण है कि अब तक 2025-26 सीजन की शुरुआत नहीं हो पाई है। जिसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने भी सख्त होते हुए विवाद को सुलझाने का निर्देश दिया है।
एफएसडीएल और एआईएफएफ के बीच वर्ष 2010 में 15 साल का समझौता हुआ था, जिसके तहत एफएसडीएल हर साल एआईएफएफ को 50 करोड़ रुपये का भुगतान करता है। इस समझौते के बदले एफएसडीएल को आईएसएल सहित भारतीय फुटबॉल टीम के प्रसारण, प्रबंधन और प्रचार का विशेष अधिकार मिला था। लेकिन यह समझौता अब समाप्ति की कगार पर है और कोई नया करार नहीं हो पाया है।
सुप्रीम कोर्ट की फटकार
सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने एआईएफएफ और एफएसडीएल को फटकार लगाते हुए कहा कि दोनों पक्ष आपसी बातचीत से 28 अगस्त तक समाधान निकालें। कोर्ट ने साफ किया कि देश में पेशेवर फुटबॉल के हित में यह मुद्दा जल्द सुलझना चाहिए।
क्लबों की चेतावनी
आईएसएल के 11 क्लबों ने एआईएफएफ अध्यक्ष कल्याण चौबे को पत्र लिखकर अपनी चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि मास्टर राइट्स एग्रीमेंट के नवीनीकरण में देरी से भारतीय पेशेवर फुटबॉल ठप हो चुका है। अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो कई क्लबों को संचालन बंद करना पड़ेगा।
क्लबों ने पत्र में लिखा, “पिछले 11 वर्षों में हमने युवा विकास, प्रशिक्षण सुविधाओं और पेशेवर ढांचे में भारी निवेश किया है, जिससे भारतीय फुटबॉल की विश्वसनीयता वैश्विक स्तर पर बढ़ी है। लेकिन मौजूदा संकट ने इस विकास को ढहने की कगार पर पहुंचा दिया है।”
कौन-कौन से क्लब हैं आईएसएल में?
इंडियन सुपर लीग में कुल 11 प्रमुख क्लब हिस्सा लेते हैं बेंगलुरु एफसी, हैदराबाद एफसी, ओडिशा एफसी, चेन्नईयिन एफसी, जमशेदपुर एफसी, एफसी गोवा, केरला ब्लास्टर्स एफसी, पंजाब एफसी, नॉर्थईस्ट यूनाइटेड एफसी, मुंबई सिटी एफसी और मोहम्मडन स्पोर्टिंग। इसके अलावा कोलकाता के दो बड़े क्लब मोहन बागान सुपर जायंट्स और ईस्ट बंगाल भी लीग का हिस्सा हैं।
सुनील छेत्री की भी चिंता
भारतीय फुटबॉल टीम के दिग्गज खिलाड़ी सुनील छेत्री ने भी 15 जुलाई को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इस स्थिति पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि अगर आईएसएल नहीं खेला गया तो इसका असर भारतीय फुटबॉल की पूरी संरचना पर पड़ेगा।
When my phone went off a few weeks ago informing us of a delay in pre-season by a fortnight, I must admit it made me smile. And that’s because I was on vacation, hadn’t moved as much as I would have liked to, and hadn’t been eating as clean as I usually do. I had more time than I… pic.twitter.com/pEGyr8Sp5O
— Sunil Chhetri (@chetrisunil11) July 16, 2025
अब उम्मीद की जा रही है कि 28 अगस्त की अगली सुनवाई से पहले एआईएफएफ और एफएसडीएल इस जटिल विवाद का कोई हल निकाल लेंगे, ताकि भारत में पेशेवर फुटबॉल को स्थायित्व मिल सके।