गौतम गंभीर के हेड कोच बनने के बाद टीम इंडिया का टेस्ट फॉर्मेट में प्रदर्शन काफी कमजोर रहा है। जिसके बाद यह खबर थी कि अब उनकी कुर्सी पर कोई और बैठने वाला है। हालांकि, इन अफवाहों पर BCCI ने अब अपना जवाब दे दिया है और बड़ा खुलासा किया है।

गौतम गंभीर (Img: Internet)
New Delhi: जब से गौतम गंभीर भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच बने हैं, टेस्ट फॉर्मेट में टीम इंडिया का प्रदर्शन चिंता का विषय रहा है। 2025 में टीम इंडिया ने कुल 10 टेस्ट मैच खेले, जिनमें से सिर्फ चार में जीत हासिल हुई, पांच में हार और एक ड्रॉ रहा। सबसे हाल की सीरीज में साउथ अफ्रीका ने भारत को घर में 2-0 से मात दी। इस खराब प्रदर्शन के कारण फैंस और मीडिया में गंभीर की कोचिंग क्षमता को लेकर बहस तेज़ हो गई।
इसी बीच, खबरें आईं कि BCCI ने अनौपचारिक रूप से पूर्व भारतीय बल्लेबाज़ VVS लक्ष्मण से संपर्क किया था, ताकि उन्हें टेस्ट टीम का कोच बनाया जा सके। लक्ष्मण भारतीय क्रिकेट में लंबे समय से कोचिंग के लिए पसंदीदा नाम रहे हैं। गौतम गंभीर को हेड कोच बनाए जाने से पहले भी लक्ष्मण इस पद के लिए पहली पसंद माने जा रहे थे। हालांकि, रिपोर्ट्स के अनुसार लक्ष्मण ने यह ऑफर ठुकरा दिया था और वे वर्तमान में नेशनल क्रिकेट अकादमी (NCA) में हेड पद पर काम कर रहे हैं।
इन अफवाहों के बीच, BCCI ने पूरी तरह से इन खबरों का खंडन किया है। न्यूज़ एजेंसी ANI से बातचीत में BCCI सचिव देवजीत सैकिया ने कहा कि जो खबरें वायरल हो रही हैं, वे झूठी और मनगढ़ंत हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है और BCCI ने कोच के पद के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है। सैकिया ने आगे कहा कि कुछ प्रमुख न्यूज़ एजेंसियां भी इस अफवाह को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही हैं, लेकिन यह पूरी तरह गलत है।
बीसीसीआई (Img: Internet)
हालांकि, भारतीय टीम का टेस्ट प्रदर्शन गंभीर की कोचिंग में संतोषजनक नहीं रहा है, लेकिन व्हाइट-बॉल फॉर्मेट में भारत ने शानदार प्रदर्शन किया है। 2025 में टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी (ODI) और एशिया कप (T20) अपने नाम किए। यह दिखाता है कि गंभीर की रणनीतियां सीमित ओवरों के क्रिकेट में सफल रही हैं।
गौतम गंभीर के तहत टेस्ट टीम की स्थिति अभी चुनौतीपूर्ण है। अफवाहों और मीडिया रिपोर्ट्स के बावजूद, BCCI ने पूरी तरह से यह स्पष्ट कर दिया है कि गंभीर की नौकरी पर फिलहाल कोई संकट नहीं है। वहीं, टीम के प्रदर्शन में सुधार और टेस्ट फॉर्मेट में जीत हासिल करना उनके सामने बड़ी चुनौती बनी हुई है।