

संसद के मानसून सत्र की घोषणा हो गई है। मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होगा। पढ़ें पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
संसद मानसून सत्र 2025 (सोर्स इंटरनेट)
नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र की घोषणा कर दी गई है। मानसून सत्र की तिथि घोषित होने के साथ ही यह भी साफ हो गया है कि सरकार ने विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन की संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग को खारिज कर दिया है। विपक्षी दलों ने कल मगलवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मांग को लेकर पत्र लिखा था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होगा और 12 अगस्त 2025 तक चलेगा। जम्मू कश्मीर में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ शुरु किये गये ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद अचानक सीजफायर की घोषणा आदि मुद्दों को लेकर विपक्षी के 16 दलों ने कल पीएम मोदी को पत्र लिखा और संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांगी की। लेकिन इस पत्र के अगले ही दिन संसद ने विशेष सत्र को टालते हुए मानसून सत्र की तिथि का ऐलान कर दिया।
संसद के मानसून सत्र में बीमा संशोधन विधेयक पेश किया जा सकता है। इस विधेयक में बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा को बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने की तैयारी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार,
विधेयक का मसौदा तैयार है और इसे जल्द ही मंजूरी के लिए कैबिनेट के समक्ष पेश किया जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद वित्त मंत्रालय के अधीन वित्तीय सेवा विभाग विधेयक को संसद में पेश करने की प्रक्रिया शुरू करेगा।
इससे पहले संसद का बजट सत्र दो हिस्सों में आयोजित किया गया था। पहला सत्र 31 जनवरी को शुरू हुआ था और 13 फरवरी तक चला था। संसद के बजट सत्र का दूसरा भाग 10 मार्च को शुरू हुआ था और 4 अप्रैल को समाप्त हुआ था।
बजट सत्र में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया था कि सदन की अब तक की सबसे लंबी बैठक गुरुवार 3 अप्रैल को हुई। यह 3 अप्रैल को सुबह 11 बजे शुरू हुई और 4 अप्रैल को सुबह 4:02 बजे तक चली। ऊपरी सदन में रिकॉर्ड 49 निजी विधेयक भी पेश किए गए। कुल मिलाकर सदन ने कुल 159 घंटे काम किया, जिसमें आधी रात के बाद 4 घंटे से अधिक का समय भी शामिल है। इस सत्र की उत्पादकता 119 प्रतिशत रही।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि संसद के निचले सदन में 26 बैठकें हुईं। उन्होंने बताया कि कुल उत्पादकता करीब 118 प्रतिशत रही। उन्होंने बताया कि बजट सत्र के दौरान 10 सरकारी विधेयक पेश किए गए। वक्फ संशोधन विधेयक और मुस्लिम वक्फ (उन्मूलन) विधेयक समेत 16 विधेयक पारित किए गए।