रेस्क्यू मिशनों में नया मोड़! नौसेना को मिला देश का पहला स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट वेसल ‘निस्तार’

भारतीय नौसेना को 8 जुलाई 2025 को एक और बड़ी कामयाबी मिली, जब पहला स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट वेसल (DSV) ‘निस्तार’ उसे विशाखापट्टनम में सौंपा गया। हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (HSL) द्वारा पूरी तरह भारत में डिज़ाइन और निर्मित यह जहाज गहरे समुद्र में गोताखोरी और रेस्क्यू ऑपरेशन को और अधिक सक्षम और आधुनिक बनाएगा।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 9 July 2025, 3:23 PM IST
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New Delhi: भारतीय नौसेना को 8 जुलाई 2025 को एक और बड़ी कामयाबी मिली, जब पहला स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट वेसल (DSV) ‘निस्तार’ उसे विशाखापट्टनम में सौंपा गया। हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (HSL) द्वारा पूरी तरह भारत में डिज़ाइन और निर्मित यह जहाज गहरे समुद्र में गोताखोरी और रेस्क्यू ऑपरेशन को और अधिक सक्षम और आधुनिक बनाएगा।

‘निस्तार’ क्या है?

'निस्तार' एक अत्याधुनिक रेस्क्यू युद्धपोत है, जिसे विशेष रूप से पनडुब्बी आपातकाल, गहरे समुद्र में डाइविंग ऑपरेशन और डूबे हुए उपकरणों को निकालने जैसे कार्यों के लिए तैयार किया गया है। इसका नाम संस्कृत शब्द ‘निस्तार’ से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है ‘मुक्ति’ या ‘बचाव’ — और यह नाम इस जहाज की भूमिका को सटीक रूप से परिभाषित करता है।

Indigenous Diving Support Vessel 'Nistar'

स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट वेसल 'निस्तार'

क्या है 'निस्तार' की खासियत?

  • लंबाई: 118 मीटर
  • डाइविंग क्षमता: 300 मीटर गहराई तक
  • रेस्क्यू क्षमता: 1000 मीटर तक
  • स्वदेशीकरण: 75% हिस्सा ‘मेड इन इंडिया’
  • डिज़ाइन और निर्माण: हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड, विशाखापट्टनम
  • क्लास रूल्स: इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग (IRS) के अनुरूप

कैसे करता है 'निस्तार' काम?

'निस्तार' में Remote Operated Vehicles (ROVs) लगे हैं, जो गहरे समुद्र में जाकर पनडुब्बी या डूबे जहाज की स्थिति का आकलन करते हैं। जरूरत पड़ने पर यह जहाज लाइफ सपोर्ट सिस्टम, ऑक्सीजन, उपकरण और बचावकर्मी भेज सकता है। यह तकनीक आज तक सिर्फ कुछ विकसित देशों की नौसेनाओं के पास ही थी।‘निस्तार’ पनडुब्बी में फंसे नाविकों को सुरक्षित निकालने के अलावा, समुद्र में डूबे हुए हथियारों, बॉक्स या उपकरणों को ढूंढने और निकालने में भी सक्षम है।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम

'निस्तार' की खास बात यह है कि इसका 75 प्रतिशत से अधिक भाग भारत में निर्मित है, जिससे यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ अभियानों का प्रतीक बन गया है। यह भारतीय नौसेना के बेड़े में सिर्फ एक नया जहाज नहीं, बल्कि एक तकनीकी और रणनीतिक छलांग है।

क्यों महत्वपूर्ण है यह वेसल?

वर्तमान समय में जब भारत समुद्री सुरक्षा, इंडो-पैसिफिक रणनीति और पनडुब्बी अभियानों पर जोर दे रहा है, ऐसे में ‘निस्तार’ जैसी क्षमता वाला जहाज नौसेना के रेस्क्यू और रिफ्लेक्स ऑपरेशन को नई दिशा देता है। यह जहाज युद्धकालीन तैयारी के साथ-साथ शांति के समय में भी आपदा राहत जैसे कार्यों में कारगर साबित हो सकता है।

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