

भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री और पहले भारतीय ISS यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 14 जुलाई को धरती के लिए रवाना होंगे। अपने 14 दिवसीय मिशन के अंतिम दिनों में उन्होंने साथियों संग अंतरिक्ष में भोजन का आनंद भी लिया। नासा द्वारा जारी की गई तस्वीरों में शुक्ला और उनकी टीम शून्य गुरुत्वाकर्षण में भोजन करते नजर आए। घर वापसी से पहले यह पल उनके मिशन का यादगार हिस्सा बन गया।
स्पेस में शुभांशु शुक्ला ने की पार्टी
New Delhi: भारत के अंतरिक्ष इतिहास में नया अध्याय जोड़ने वाले ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला जल्द ही अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से धरती पर लौटने वाले हैं। उन्होंने 14 दिवसीय ‘आकाश गंगा’ मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया और अब 14 जुलाई को उनकी वापसी यात्रा शुरू होगी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, अंतरिक्ष से आई कुछ खास तस्वीरों में ग्रुप कैप्टन शुक्ला और उनके तीन अन्य क्रू सदस्य शून्य गुरुत्वाकर्षण में भोजन करते और मुस्कुराते नजर आए। ये दृश्य नासा ने साझा किए। अंतरिक्ष में रहकर भी उन्होंने ज़मीनी गर्मजोशी और भारतीय परंपरा को जीवित रखा।
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नासा ने की वापसी की तारीख घोषित
नासा कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के प्रबंधक स्टीव स्टिच ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा हम स्टेशन प्रोग्राम पर काम कर रहे हैं और एक्सिओम-4 मिशन की प्रगति पर नजर बनाए हुए हैं। अनडॉकिंग की वर्तमान योजना 14 जुलाई की है। इस बयान के साथ ग्रुप कैप्टन शुक्ला की धरती पर वापसी की प्रक्रिया की पुष्टि हो गई है।
दूसरे भारतीय बने अंतरिक्ष यात्री
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भारत के ऐसे पहले व्यक्ति हैं जो अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचे हैं। उनसे पहले विंग कमांडर राकेश शर्मा 1984 में अंतरिक्ष गए थे, लेकिन वे सोवियत मिशन का हिस्सा थे। शुक्ला ने इस मिशन के दौरान सात वैज्ञानिक प्रयोग किए, जो भारत के गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के लिए मील का पत्थर माने जा रहे हैं।
अंतरिक्ष में की खेती
अपने मिशन के अंतिम चरण में ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने एक किसान की भूमिका निभाई। उन्होंने पेट्री डिश में मूंग और मेथी उगाई, जिनकी तस्वीरें भी साझा की गईं। इन बीजों को फ्रीजर में सुरक्षित रखा गया है ताकि पृथ्वी पर इनके आगे के प्रयोग किए जा सकें।
पौधों पर सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव
इस प्रयोग का मुख्य उद्देश्य यह जानना है कि अंतरिक्ष में सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण (microgravity) बीज अंकुरण और पौधों के विकास को कैसे प्रभावित करता है। इन बीजों की कई पीढ़ियों तक उगाई की जाएगी, ताकि आनुवंशिकी और पोषण प्रोफाइल में संभावित बदलावों का अध्ययन किया जा सके।
भारत के लिए गौरव और अंतरिक्ष विज्ञान में अगला कदम
‘आकाश गंगा’ मिशन की सफलता भारत के लिए गौरव का विषय है। यह मिशन न सिर्फ तकनीकी रूप से सफल रहा, बल्कि इससे भारत के भावी अंतरिक्ष अभियानों जैसे गगनयान को दिशा भी मिली है। ग्रुप कैप्टन शुक्ला की वापसी का देश भर में बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।