अफगानिस्तान में फिर महसूस हुए भूकंप के झटके, पाकिस्तान सीमा के पास मचा हड़कंप; जानिए तीव्रता

अफगानिस्तान में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। आज सुबह 8:54 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 19 May 2025, 11:58 AM IST
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अफगानिस्तान : अफगानिस्तान में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। आज सुबह 8:54 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिनकी तीव्रता 4.2 मापी गई। भूकंप का केंद्र पाकिस्तान सीमा के बेहद करीब था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक,  बता दें कि पिछले कुछ दिनों से अफगानिस्तान में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। हालांकि इनकी तीव्रता काफी कम बनी हुई है।

अफगानिस्तान में आज सुबह फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। यह भूकंप अफगानिस्तान और पाकिस्तान सीमा के बेहद करीब देखा गया है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने यह जानकारी दी है।

कितनी थी तीव्रता?

NCS के मुताबिक, अफगानिस्तान में भूकंप आज ​​(19 मई) सुबह 08:54 बजे आया। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.2 मापी गई है। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में था, जो पाकिस्तान सीमा के बेहद करीब है। ऐसे में पाकिस्तान के कुछ इलाकों में भी ये झटके महसूस किए गए हैं।

4 दिन में चौथा झटका

भूकंप का केंद्र धरती से 140 किलोमीटर नीचे था। आपको बता दें कि पिछले 4 दिनों में यह चौथा भूकंप का झटका है। दरअसल अफगानिस्तान भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट की फॉल्ट लाइन पर मौजूद है। ऐसे में जब भी भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट के नीचे जाती है तो हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला में भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं।

क्यों आते हैं भूकंप

भूकंप मुख्य रूप से टेक्टोनिक प्लेटों की गति के कारण आते हैं। जब ये प्लेटें टकराती हैं या खिसकती हैं, तो पृथ्वी के अंदर ऊर्जा निकलती है, जिससे पृथ्वी हिलती है।

पृथ्वी की सतह 12 टेक्टोनिक प्लेटों से बनी है जो धीमी गति से लगातार चलती रहती हैं। जब ये प्लेटें टकराती हैं या खिसकती हैं, तो ऊर्जा निकलती है, जिससे भूकंप आता है। प्लेटों के बीच घर्षण: प्लेटों के किनारे अक्सर खुरदरे होते हैं और घर्षण के कारण वे एक दूसरे के सापेक्ष हिलने-डुलने में असमर्थ होती हैं। जब तनाव घर्षण पर काबू पा लेता है, तो प्लेटें अचानक खिसक जाती हैं, जिससे भूकंप आता है।

जब ज्वालामुखी फटने वाला होता है, तो उसके नीचे का गर्म मैग्मा ऊपर की ओर बढ़ता है। इससे ज़मीन के अंदर दबाव बढ़ जाता है और आस-पास की चट्टानें टूटने लगती हैं, जिससे भूकंप आता है

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