भीलवाड़ा में आयोजित वर्ष 2025 की अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत में राजीनामे से 2 लाख से अधिक प्रकरणों का निस्तारण किया गया। प्री-लिटिगेशन और लंबित मामलों में करोड़ों रुपये के अवार्ड पारित हुए। लोक अदालत ने बिना खर्चे और त्वरित न्याय देकर आमजन को बड़ी राहत पहुंचाई।

भीलवाड़ा में अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन
Bhilwara: राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार वर्ष 2025 की अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन भीलवाड़ा जिले में किया गया। इस लोक अदालत ने त्वरित, सुलभ और बिना खर्चे के न्याय प्रदान कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, लोक अदालत में समझौता योग्य सभी प्रकार के दीवानी, फौजदारी, पारिवारिक, एमएसीटी, चैक अनादरण, श्रम, बैंक रिकवरी, उपभोक्ता एवं राजस्व मामलों को रखा गया, जिनका आपसी सहमति से निस्तारण किया गया।
प्राधिकरण के सचिव विशाल भार्गव ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला एवं सेशन न्यायाधीश अभय जैन के निर्देशन, सुझावों एवं निरंतर उत्साहवर्धन से कुल 2 लाख 3 हजार 660 प्रकरणों का निस्तारण लोक अदालत की भावना के अनुरूप किया गया। इस दौरान 22 करोड़ 81 लाख 49 हजार 178 रुपये की अवार्ड राशि पारित की गई, जो लोक अदालत की प्रभावशीलता को दर्शाती है।
लोक अदालत की सबसे बड़ी उपलब्धि मुकदमा पूर्व (प्री-लिटिगेशन) मामलों का निस्तारण रही। कुल 1 लाख 90 हजार 499 प्रकरण राजीनामे से निपटाए गए। इसमें बैंक रिकवरी, बीएसएनएल, बिजली विभाग एवं अन्य वित्तीय संस्थाओं के मामले शामिल रहे। कई मामलों में मूल राशि से कम में समझौता कराकर दोनों पक्षों को लाभ पहुंचाया गया।
भीलवाड़ा में वर्ष 2025 की अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन हुआ। राजीनामे से 2,03,660 प्रकरणों का निस्तारण किया गया, जिसमें प्री-लिटिगेशन के 1,90,499 और लंबित 13,161 मामले शामिल रहे। लोक अदालत के माध्यम से 22.81 करोड़ रुपये से अधिक की अवार्ड राशि पारित हुई।… pic.twitter.com/qz4YldmkOo
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) December 22, 2025
न्यायालयों में लंबित 24 हजार 32 प्रकरण चिन्हित किए गए, जिनमें से 13 हजार 161 मामलों का निस्तारण किया गया। इन मामलों में 18 करोड़ 90 लाख 25 हजार 177 रुपये के अवार्ड पारित हुए। इससे न्यायालयों पर बोझ कम हुआ और पक्षकारों को वर्षों से चले आ रहे विवादों से राहत मिली।
पूरे जिले में गठित 20 लोक अदालत बेंचों के माध्यम से न्यायिक अधिकारियों, राजस्व अधिकारियों एवं अनुभवी अधिवक्ताओं ने पक्षकारों को समझाइश कर राजीनामे के लिए प्रेरित किया। बिजली बिलों में छूट एवं अन्य राहत देकर उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाया गया। मुकदमा पूर्व स्तर पर ही मामलों का समाधान होने से समय, धन और मानसिक तनाव की बचत हुई।
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प्राधिकरण के सचिव विशाल भार्गव ने लोक अदालत की सफलता के लिए जिले के समस्त न्यायिक अधिकारीगण, जिला कलेक्टर, नोडल अधिकारी अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रशासन, पुलिस प्रशासन, बार अध्यक्ष राजेश शर्मा, उम्मेद सिंह राठौड़, अधिवक्तागण एवं न्यायिक कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया।