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नए लेबर लॉ लागू होने के बाद ग्रैच्युटी नियमों में बड़ा बदलाव हुआ है। पहले ग्रैच्युटी पाने के लिए पांच साल नौकरी अनिवार्य थी, लेकिन अब सिर्फ एक साल की नौकरी पूरी होने पर भी कर्मचारी ग्रैच्युटी पाने का हकदार है। अगर कंपनी देने से मना करती है तो आप शिकायत कर सकते हैं।


अगर कंपनी ग्रैच्युटी देने से बच रही है तो पहला कदम होना चाहिए- अपने HR विभाग या रिपोर्टिंग मैनेजर से बात करना। अपने दस्तावेज साथ रखें और साफ बताएं कि आपने एक साल पूरा किया है और नए नियम के अनुसार आप हकदार हैं। कई बार मामला इसी स्तर पर सुलझ जाता है।



अगर HR से बातचीत में नतीजा नहीं निकलता तो कंपनी को लीगल नोटिस भेजें। नोटिस में यह स्पष्ट लिखें कि आप नए नियम के तहत ग्रैच्युटी के पात्र हैं और कंपनी मना नहीं कर सकती। साथ ही नोटिस में टाइम लिमिट जरूर दें, जिससे कंपनी जवाब देने के लिए बाध्य हो।



अगर कंपनी नोटिस का जवाब नहीं देती या साफ मना कर देती है, तो जिला श्रम आयुक्त (District Labour Commissioner) को लिखित शिकायत दें। आमतौर पर असिस्टेंट लेबर कमिश्नर इस शिकायत की सुनवाई करता है और दोनों पक्षों को बातचीत के लिए बुलाता है।



श्रम आयुक्त आपके दस्तावेज और पूरी टाइमलाइन की जांच करता है। अगर दावा सही पाया गया तो अधिकारी कंपनी को ग्रैच्युटी का भुगतान करने का आदेश दे सकता है। कंपनी को निर्धारित समय के अंदर भुगतान करना अनिवार्य होता है। यह पूरी प्रक्रिया औपचारिक और कानूनी होती है, इसलिए आपके दस्तावेज बेहद महत्वपूर्ण हैं।



अगर कंपनी आदेश के बाद भी 30 दिनों के भीतर ग्रैच्युटी नहीं देती, तो मामला गंभीर हो जाता है। श्रम विभाग कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर सकता है- भारी जुर्माना लगाया जा सकता है और कुछ मामलों में 6 महीने से 2 साल तक जेल का भी प्रावधान है यानी नया नियम आपके पक्ष में है। बस प्रक्रिया को ठीक से फॉलो करना जरूरी है।
