हरदोई में हुआ ऐसा आयोजन कि गूंज उठी कारगिल की गाथा, वीर नायक ने सुनाई चोटी से तिरंगा फहराने की कहानी

हरदोई के एक छोटे से गांव में कारगिल विजय दिवस पर हुआ ऐसा आयोजन, जिसने लोगों को युद्धभूमि की सच्चाई से रूबरू करा दिया। जब रिटायर्ड नायक ने कारगिल की चोटियों पर तिरंगा फहराने की असली कहानी सुनाई, तो सन्नाटा छा गया। आखिर क्या है वो किस्सा? पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

Hardoi (Uttar Pradesh): युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में भरखनी ब्लॉक के ग्राम सुल्तानपुर स्थित बालभद्र सिंह माध्यमिक विद्यालय में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर एक प्रेरणादायक और ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम ने ग्रामीण अंचल के युवाओं में देशभक्ति की नई ऊर्जा भर दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक,  कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त नायक सुरेश चंद्र दुबे रहे, जिन्होंने भारतीय थल सेना में अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस प्रकार भारतीय जवानों ने विषम परिस्थितियों में दुश्मन को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने कारगिल की उन चोटियों की कहानी सुनाई, जहां तिरंगा फहराना हर सैनिक का सपना था, और उन्होंने इसे साकार होते देखा।

कार्यक्रम संयोजक अभिषेक पाठक ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा रखी। उन्होंने कहा कि युवाओं में राष्ट्रप्रेम और सैन्य प्रेरणा जगाना 'मेरा युवा भारत' का प्रमुख उद्देश्य है। मुख्य अतिथि ने अपने भाषण में युवाओं को राष्ट्रसेवा के लिए तत्पर रहने की प्रेरणा दी और पर्यावरण संरक्षण को भी देशभक्ति का ही एक रूप बताया।

वरिष्ठ शिक्षक गजेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में कारगिल शहीदों की शौर्यगाथा को याद करते हुए कहा कि उनके बलिदान से ही आज हम शांति से जी पा रहे हैं। इस दौरान वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पौधरोपण भी किया गया। सुरेश चंद्र दुबे ने युवाओं से अपील की कि वे पर्यावरण की रक्षा के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाएं।

कार्यक्रम में 100 मीटर दौड़ प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें युवाओं और युवतियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

युवकों में: शिवम प्रथम, पंकज द्वितीय, आर्यन तृतीय स्थान पर रहे।

युवतियों में: विभा प्रथम, काजल द्वितीय और आर्यन्शी तृतीय रहीं।

जिला युवा अधिकारी प्रतिमा वर्मा ने कहा कि “देशहित में युवाओं की भागीदारी आवश्यक है। ऐसे आयोजनों के माध्यम से नई पीढ़ी को शहीदों के बलिदान से परिचित कराया जाता है। ‘मेरा युवा भारत’ इसी उद्देश्य की पूर्ति कर रहा है।”

कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि द्वारा सभी विजेताओं को प्रमाणपत्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। संयोजक अभिषेक पाठक ने अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया। यह आयोजन न केवल प्रेरणास्पद रहा, बल्कि ग्रामीण युवाओं के लिए एक मिशन बन गया।

Location : 
  • Hardoi

Published : 
  • 26 July 2025, 7:09 PM IST