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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने केंद्र सरकार को सूचित किया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने केंद्र सरकार को सूचित किया है कि वह वैश्विक मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख पेश करने के लिए गठित सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों (seven all-party delegations) में शामिल नहीं होगी। हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद ये प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजे जा रहे हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, टीएमसी ने प्रतिनिधिमंडल में शामिल अपने लोकसभा सांसद यूसुफ पठान को इस यात्रा में शामिल न होने का निर्देश दिया है। हालांकि टीएमसी ने आधिकारिक तौर पर अपने फैसले का कोई कारण सार्वजनिक नहीं किया है, लेकिन केंद्र सरकार को इसकी जानकारी दे दी गई है।
सरकार की योजना के तहत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council ) के सदस्य देशों और यूरोपीय संघ (European Union) के मुख्यालय ब्रुसेल्स समेत 32 देशों में बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल (Delegation) भेजे जाएंगे। इनका मकसद भारत की आतंकवाद विरोधी नीति और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करना है। सुदीप बंद्योपाध्याय ने पहले ही जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया था
टीएमसी (TMC) के एक वरिष्ठ नेता ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "विदेश नीति केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती है और उसे इसकी पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। हम राष्ट्रीय हित में आवश्यक सभी कदमों में सरकार का समर्थन करते हैं और हमारे सशस्त्र बलों की बहादुरी को सलाम करते हैं।"
टीएमसी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने से इनकार कर दिया है। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया। सांसद यूसुफ पठान का नाम सूची में शामिल था, लेकिन सूत्रों के अनुसार, अब वे भी यात्रा पर नहीं जाएंगे।
सरकार की ओर से घोषित इन प्रतिनिधिमंडलों में कांग्रेस के शशि थरूर, भाजपा के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, जदयू के संजय कुमार झा, द्रमुक की कनिमोझी, राष्ट्रवादी कांग्रेस की सुप्रिया सुले और शिवसेना के श्रीकांत शिंदे जैसे नेता शामिल होंगे।
51 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल (Delegation) में पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आज़ाद, एमजे अकबर, आनंद शर्मा, वी मुरलीधरन, सलमान खुर्शीद और एसएस अहलूवालिया भी शामिल हैं, जो वर्तमान में संसद के सदस्य नहीं हैं। प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत में अपनी यात्रा शुरू करेगा।