

डोनाल्ड ट्रंप के सोने पर टैरिफ न लगाने के ऐलान के बाद भारतीय बाजार में सोने की कीमत में 1400 रुपये की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। अमेरिकी सोना वायदा और स्पॉट गोल्ड की कीमतों में भी गिरावट आई है। स्विट्जरलैंड को संभावित 39% टैरिफ से राहत मिली है। इस गिरावट को निवेश के लिए एक अच्छा मौका माना जा रहा है, खासकर गोल्ड ETF जैसे सुरक्षित माध्यमों से। जानिए इस फैसले का वैश्विक असर, सोने की कीमतों का भविष्य और क्या अभी निवेश करना फायदेमंद रहेगा।
सोने के बाजार में बड़ी हलचल
New Delhi: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक ऐलान ने सोने के बाजार में बड़ी हलचल मचा दी है। ट्रंप ने 11 अगस्त को यह स्पष्ट कर दिया कि सोने के आयात पर कोई टैरिफ नहीं लगाया जाएगा। इस घोषणा के बाद तुरंत ही भारतीय बाजार में सोने की कीमत में करीब 1,400 रुपये की गिरावट देखी गई। आज यानी 12 अगस्त को भी कीमतों में करीब 50 रुपये की और गिरावट आई है, जबकि दिन की ट्रेडिंग अभी बाकी है। इस गिरावट को निवेश के लिए एक बेहतर मौका माना जा रहा है।
दरअसल, हाल ही में अमेरिकी कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) के एक फैसले के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि अमेरिका एक किलो और 100 औंस के मानक सोने की छड़ों पर भारी टैरिफ लगा सकता है। इससे वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतों में अस्थिरता आ गई थी। लेकिन ट्रंप की घोषणा से इस अनिश्चितता का अंत हो गया और बाजार में स्थिरता लौट आई।
इस फैसले का असर सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि वैश्विक बाजारों में भी देखने को मिला। अमेरिकी सोना वायदा (दिसंबर डिलीवरी) की कीमत 2.4 से 2.5 फीसदी तक गिर गई और यह $3,404-$3,407 प्रति औंस पर पहुंच गई। वहीं स्पॉट गोल्ड की कीमत 1.2 फीसदी गिरकर $3,358 प्रति औंस के आसपास स्थिर रही। पिछले हफ्ते यह कीमत $3,534 प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई थी।
भारतीय बाजार में सोने की कीमत में गिरावट
स्विट्जरलैंड, जो वैश्विक सोने की रिफाइनिंग और व्यापार का मुख्य केंद्र है, को अमेरिका में सोने के निर्यात पर 39% टैरिफ का खतरा था। ट्रंप के इस ऐलान ने उस खतरे को समाप्त कर दिया है। इससे न केवल स्विट्जरलैंड को राहत मिली है, बल्कि वैश्विक सप्लाई चेन में भी स्थिरता बनी रहेगी।
सोने की कीमतों में यह गिरावट उन निवेशकों के लिए अच्छा मौका हो सकती है, जो लंबे समय से भाव कम होने का इंतजार कर रहे थे। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 की पहली तिमाही में सोने की वैश्विक खपत 1% बढ़कर 1,206 टन हो गई है, जो 2016 के बाद सबसे ज्यादा है। ड्यूश बैंक जैसे संस्थानों ने भी भविष्यवाणी की है कि वैश्विक अनिश्चितताओं और केंद्रीय बैंकों की लगातार खरीदारी के चलते सोने की कीमतें आने वाले समय में फिर चढ़ सकती हैं।
भारत में सोने में निवेश करने का एक स्मार्ट तरीका है गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF)। इसमें निवेशक बिना भौतिक सोना खरीदे, शेयर बाजार के माध्यम से सोने की कीमतों में हिस्सेदारी ले सकते हैं। इसमें चोरी या शुद्धता की चिंता नहीं रहती और यह सुरक्षित, पारदर्शी और लिक्विड निवेश विकल्प है। हालांकि, बाजार में उतार-चढ़ाव और मामूली ब्रोकरेज शुल्क जैसे जोखिम रहते हैं, पर सही जानकारी के साथ किया गया निवेश फायदेमंद हो सकता है।
अगर आप सोने में निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो यह गिरावट एक अच्छा मौका हो सकती है। हालांकि, कोई भी निवेश करने से पहले बाजार की स्थिति और अपने वित्तीय लक्ष्य को अच्छी तरह समझना जरूरी है। डाइनामाइट न्यूज़ किसी प्रकार के निवेश की सलाह नही देता है।