भाजपा सरकार लेगी यू टर्न? दिल्ली में हट सकता है पुराने वाहनों पर लगा बैन

राजधानी दिल्ली में 1 जुलाई 2025 से लागू हुए ‘एंड ऑफ लाइफ व्हीकल’ (ELV) नियम को लेकर नया मोड़ आ गया है। इस नियम के तहत 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को जब्त करने और उन्हें फ्यूल न देने की कार्रवाई शुरू हुई थी, लेकिन अब दिल्ली सरकार ने इस पर आंशिक विराम लगाने के संकेत दिए हैं।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 3 July 2025, 7:11 PM IST
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New Delhi: राजधानी दिल्ली में 1 जुलाई 2025 से लागू हुए ‘एंड ऑफ लाइफ व्हीकल’ (ELV) नियम को लेकर नया मोड़ आ गया है। इस नियम के तहत 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को जब्त करने और उन्हें फ्यूल न देने की कार्रवाई शुरू हुई थी, लेकिन अब दिल्ली सरकार ने इस पर आंशिक विराम लगाने के संकेत दिए हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने Commission for Air Quality Management (CAQM) को पत्र लिखकर नियम की प्रमुख खामियों को उजागर करते हुए इसकी पुनः समीक्षा की मांग की है। सरकार का कहना है कि बिना पूरी तैयारी और NCR क्षेत्र में समरूपता के इसे लागू करना जनता के लिए व्यावहारिक रूप से कठिन है। जब तक पूरे NCR में यह नियम समान रूप से नहीं लागू होता, तब तक दिल्ली में इसे प्रभावी बनाना संभव नहीं है।

 सरकार खुद बैकफुट पर

दिल्ली सरकार पर पुराने वाहनों की जब्ती को लेकर चौतरफा दबाव था। विपक्ष ने इसे जनता के साथ अन्याय बताया, तो सरकार ने भी अब इस नियम की खामियां गिनाकर खुद को बचाने की कोशिश शुरू कर दी है।
मंत्री सिरसा ने कहा, "हम एक नई प्रणाली विकसित कर रहे हैं जिससे न तो प्रदूषण बढ़े और न ही आम लोगों की गाड़ियां जब्त हों। गाड़ियों का मूल्यांकन सिर्फ उम्र के आधार पर नहीं, बल्कि उनके पॉल्यूशन स्तर के आधार पर होना चाहिए।"

विपक्ष का विरोध और तकनीकी चुनौतियां

कैबिनेट मंत्री प्रवेश वर्मा ने भी इस नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली पहले से ही प्रदूषण और ट्रैफिक की मार झेल रही है, ऐसे में बिना तैयारी के यह नियम जनता पर अतिरिक्त बोझ है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक गुरुग्राम, नोएडा जैसे NCR के अन्य क्षेत्रों में यह नियम लागू नहीं होता, तब तक इसे दिल्ली में भी नहीं लागू किया जाना चाहिए। साथ ही ANPR (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन) कैमरा प्रणाली को लेकर भी सवाल उठे हैं। वर्मा ने कहा कि इसे लागू करना तकनीकी और वित्तीय रूप से चुनौतीपूर्ण है।

हाईकोर्ट ने मांगा सरकार और CAQM से जवाब

इधर, दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार और CAQM को सितंबर तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। याचिकाकर्ता ने कहा कि पेट्रोल पंप डीलरों को ‘एंड ऑफ लाइफ व्हीकल’ को ईंधन देने से रोकने की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन उनके पास कानूनी अधिकार नहीं हैं। अदालत ने यह भी कहा कि यदि इस अवधि में डीलरों के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है, तो उसे कोर्ट के संज्ञान में लाया जाए।

क्या है नियम?

CAQM के निर्देशानुसार, दिल्ली में 1 जुलाई 2025 से 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को ईंधन देने पर रोक है। केवल CNG वाहनों को इस आदेश से छूट दी गई है। इस नियम का उद्देश्य राजधानी में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना है, लेकिन इसकी क्रियान्वयन प्रक्रिया में सामने आई समस्याओं के चलते अब यह नीति पुनः समीक्षा के घेरे में आ गई है। अब नजरें दिल्ली सरकार और CAQM की होने वाली बैठक पर टिकी हैं, जहां से नियम के भविष्य को लेकर अंतिम निर्णय निकल सकता है।

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