Bihar Polls: बिहार चुनाव में किसका खेल बिगाड़ेंगे पप्पू यादव, नए सियासी चालों से उभरे ये नए समीकरण

बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव भले अभी दूर हो, लेकिन विपक्षी गठबंधन INDIA के भीतर सीटों की सियासत अभी से तूल पकड़ने लगी है। हाल ही में हुई महागठबंधन की बैठक में अभी तक कोई तय फॉर्मूला सामने नहीं आया, लेकिन कांग्रेस नेता और पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने ऐसा मुद्दा उठा दिया, जिससे गठबंधन की एकता पर सवाल उठने लगे हैं।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 15 July 2025, 7:01 PM IST
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Patna: बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव भले अभी दूर हो, लेकिन विपक्षी गठबंधन INDIA के भीतर सीटों की सियासत अभी से तूल पकड़ने लगी है। हाल ही में हुई महागठबंधन की बैठक में अभी तक कोई तय फॉर्मूला सामने नहीं आया, लेकिन कांग्रेस नेता और पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने ऐसा मुद्दा उठा दिया, जिससे गठबंधन की एकता पर सवाल उठने लगे हैं।

एक नई बहस की शुरुआत

पप्पू यादव ने INDIA गठबंधन से मांग की है कि सीट बंटवारा 2024 के लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन के आधार पर किया जाए। उनका कहना है कि अगर कांग्रेस को (उन्हें मिलाकर) देखा जाए, तो उसका स्ट्राइक रेट सबसे बेहतर रहा 33.3%, जो राजद के 15.4% से दोगुना है। ऐसे में सीटों का बंटवारा केवल पुराने आंकड़ों के आधार पर नहीं, नतीजों की प्रभावशीलता के आधार पर होना चाहिए।

यह बयान उस समय आया जब सीट बंटवारे पर खींचतान को सुलझाने की कोशिश चल रही थी। ऐसे में पप्पू यादव की यह टिप्पणी राजद के लिए सीधा राजनीतिक दबाव बनाती है। खास बात ये है कि कांग्रेस 2020 में 70 सीटों पर लड़ी थी, लेकिन अब अगर लोकसभा के प्रदर्शन को आधार बनाया जाए तो 55 सीटों तक सीमित रहने की आशंका है। मगर कांग्रेस इसके उलट दलील दे सकती है कि चूंकि उसका प्रदर्शन बेहतर रहा, सीटें बढ़नी चाहिए, घटनी नहीं।

क्या तेजस्वी ने बात को टाल दिया?

राजद नेता तेजस्वी यादव ने बैठक के बाद कहा कि “बैठक लंबी और सकारात्मक रही… हम बिहार को आगे ले जाने पर चर्चा कर रहे हैं।” मगर ध्यान देने वाली बात ये है कि तेजस्वी ने पप्पू यादव की स्ट्राइक रेट वाली दलील पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। राजनीतिक गलियारों में इसे एक ‘राजनीतिक चुप्पी’ कहा जा रहा है—या तो मामला अभी सुलझाया जा रहा है, या फिर अंदरखाने कोई असहमति है जिसे बाहर नहीं लाया गया।

क्या कांग्रेस कर रही है खुद को नंबर दो की पोजीशन पर स्थापित?

अब तक राजद को बिहार महागठबंधन का 'मुख्य इंजन' माना जाता रहा है, लेकिन पप्पू यादव की बातों से साफ है कि कांग्रेस अब खुद को केवल सहयोगी की भूमिका में नहीं देखना चाहती। बेहतर स्ट्राइक रेट का हवाला देकर वह न केवल सीटों की संख्या में बढ़ोतरी, बल्कि राजनीतिक नेतृत्व में भी हिस्सेदारी चाहती है।

वाम दलों की भी बढ़ी भूख

वामपंथी दल, जिन्होंने लोकसभा चुनाव में बिहार की 5 सीटों पर असर दिखाया, अब विधानसभा में करीब 25-30 सीटों पर दावा कर सकते हैं। यानी, गठबंधन की सीट झोली में बढ़ती आकांक्षाएं हैं, लेकिन कुल सीटें वही 243 हैं।

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