

भारतीय सेना की प्रेस ब्रीफिंग में कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि पाकिस्तान ने सीमा पार से चिकित्सा केंद्रों और स्कूलों को भी निशाना बनाया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
भारत-पाकिस्तान युद्ध और कर्नल सोफिया कुरैशी की फोटो (सोर्स-इंटरनेट)
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर है। पाकिस्तान ने हाल ही में एक बेहद कायराना हरकत को अंजाम दिया है। भारतीय सेना की प्रेस ब्रीफिंग में कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि पाकिस्तान ने सीमा पार से चिकित्सा केंद्रों और स्कूलों को भी निशाना बनाया। यह हमला न सिर्फ मानवता के खिलाफ है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय युद्ध कानूनों का भी सीधा उल्लंघन है।
पाकिस्तान ने किया नागरिक विमानों का दुरुपयोग
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस ब्रीफिंग में स्पष्ट किया कि पाकिस्तान ने नागरिक विमानों की आड़ लेकर विमान मार्गों का दुरुपयोग किया। यह न केवल सुरक्षा के दृष्टिकोण से खतरनाक है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय उड्डयन नियमों का भी सीधा उल्लंघन है। पाकिस्तान की यह चाल स्पष्ट रूप से दिखाती है कि वह निर्दोष नागरिकों की जान को भी खतरे में डालने से पीछे नहीं हटता।
भारतीय सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब
सीमा पर जारी तनाव के बीच पाकिस्तान ने कुपवाड़ा, बारामूला, पुंछ और राजौरी जिलों में हल्के हथियारों से गोलीबारी की। पाकिस्तान की इस नापाक हरकत का भारतीय सेना ने अपने तरीके से जवाब दिया। भारतीय जवानों ने न केवल सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की, बल्कि पाकिस्तान की ओर से होने वाली हर नापाक हरकत का माकूल जवाब दिया।
भारतीय सेना के सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान की ओर से लगातार सीज़फायर का उल्लंघन किया जा रहा है। हालांकि, भारतीय सेना पूरी तरह से सतर्क है और हर हमले का जवाब देने में सक्षम है।
मानवता के खिलाफ अपराध
पाकिस्तान की ओर से चिकित्सा केंद्रों और स्कूलों को निशाना बनाना मानवता के खिलाफ एक गंभीर अपराध है। युद्ध के दौरान चिकित्सा केंद्र और स्कूलों को हमेशा सुरक्षित ज़ोन माना जाता है। इन्हें निशाना बनाना अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है, जिसे संयुक्त राष्ट्र भी स्पष्ट रूप से निंदा करता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया की आवश्यकता
भारत ने पाकिस्तान की इन हरकतों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने की तैयारी की है। भारतीय कूटनीतिक सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान द्वारा मानवता के खिलाफ किए गए इस अपराध को संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रमुखता से उठाया जाएगा। भारत का मानना है कि ऐसी नापाक हरकतें केवल क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरे में डालती हैं, बल्कि वैश्विक स्थिरता पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।