World No Tobacco Day 2025: सावधान! धूम्रपान की लत से न छिन जाए पैरेंट बनने की उम्मीद

अगर आप भविष्य में माता-पिता बनने का सपना देख रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 31 May 2025, 12:04 PM IST
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नई दिल्ली: अगर आप भविष्य में माता-पिता बनने का सपना देख रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञों के अनुसार, धूम्रपान न केवल आपके फेफड़ों और हृदय को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि यह आपकी प्रजनन क्षमता पर भी गंभीर प्रभाव डाल सकता है। इसका असर पुरुषों और महिलाओं दोनों पर पड़ता है और बच्चे होने की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है।

महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर असर

धूम्रपान करने वाली महिलाओं में अंडों की संख्या और गुणवत्ता दोनों प्रभावित होती है। सिगरेट में मौजूद हानिकारक रसायन जैसे निकोटीन, टार और कार्बन मोनोऑक्साइड अंडाशय की कार्यप्रणाली को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे अंडों का समय से पहले खराब होना और महिलाओं के लिए गर्भधारण करना मुश्किल हो सकता है। इसके अलावा, सिगरेट पीने वाली महिलाओं में गर्भपात, समय से पहले प्रसव और बच्चे के कम वजन का जोखिम भी बढ़ जाता है।

पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर असर

पुरुषों में धूम्रपान करने से शुक्राणुओं की संख्या, उनकी गति और गुणवत्ता प्रभावित होती है। सिगरेट में मौजूद जहरीले रसायन शुक्राणुओं के डीएनए को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे निषेचन की संभावना कम हो जाती है। कमजोर या अपर्याप्त शुक्राणु गर्भधारण में कठिनाई पैदा करते हैं और बच्चे पैदा करने की प्रक्रिया को लंबा और जटिल बना सकते हैं।

यह आईवीएफ को भी प्रभावित करता है

यदि कोई दंपत्ति आईवीएफ (इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन) जैसे बांझपन उपचार से गुजर रहा है, तो धूम्रपान उनकी सफलता दर को भी प्रभावित कर सकता है। शोध में पाया गया है कि सिगरेट पीने वाले दंपत्तियों में आईवीएफ की सफलता दर बहुत कम है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि यदि समय रहते धूम्रपान छोड़ दिया जाए, तो प्रजनन क्षमता में सुधार संभव है और उपचार के परिणाम भी बेहतर हो सकते हैं।

डॉक्टरों की सलाह

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यदि आप भविष्य में एक स्वस्थ और खुशहाल परिवार की कल्पना करते हैं, तो आज ही सिगरेट छोड़ना एक समझदारी भरा फैसला होगा। धूम्रपान छोड़ने के कुछ ही हफ्तों के भीतर शरीर की मरम्मत की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। महिलाओं में अंडों की गुणवत्ता में सुधार होता है और गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है। जबकि पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या और गति में वृद्धि देखी जाती है।

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