New Delhi: फरीदाबाद में गिरफ्तार हुए डॉ. आदिल के बारे में हर बीतते दिन के साथ नए खुलासे हो रहे हैं। डॉक्टर के पेशे में रहते हुए उसने आतंकी साजिश के ऐसे मंसूबे पाल रखे थे, जिनकी किसी को भनक तक नहीं लगी। लेकिन अब जांच एजेंसियों की पूछताछ में जो जानकारियां सामने आ रही हैं, उन्होंने पूरे खुफिया तंत्र को चौंका दिया है।
7 नवंबर को फरीदाबाद के अंबाला रोड स्थित फेमस मेडिकेयर अस्पताल में काम कर रहे डॉक्टर आदिल को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद जब उसके ठिकानों की तलाशी ली गई, तो वहां से विस्फोटक पदार्थ और हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद हुआ। यह बरामदगी इतनी बड़ी थी कि पुलिस, एटीएस और अन्य खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हो गई।
अनंतनाग से लेकर सहारनपुर तक फैला नेटवर्क
जांच में पता चला है कि आदिल जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग का रहने वाला है। वह लंबे समय से फरीदाबाद में डॉक्टर के रूप में कार्यरत था। शुरुआती पूछताछ में यह भी सामने आया है कि आदिल जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ था और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपना स्वतंत्र आतंकी नेटवर्क खड़ा करने की योजना बना रहा था।
एजेंसियों के मुताबिक, आदिल पश्चिमी यूपी के कई डॉक्टरों और मेडिकल पेशे से जुड़े लोगों के संपर्क में था। इनमें से कुछ जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं, जबकि कुछ ऐसे लोग भी हैं जो डॉक्टर नहीं हैं, फिर भी उससे नियमित रूप से संपर्क में थे।
आस्पताल में आने वाले युवकों की जांच
फेमस मेडिकेयर अस्पताल के स्टाफ ने बताया कि आदिल के घर और अस्पताल दोनों जगह सात-आठ युवक अक्सर उससे मिलने आते थे। इन लोगों की पहचान अब खुफिया एजेंसियां कर रही हैं। आशंका है कि इनमें से कुछ युवक आदिल के नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं।
सूत्रों का कहना है कि आदिल बेहद संयमी और चुप रहने वाला व्यक्ति था। वह अपने अस्पताल और मकान के आसपास किसी से ज्यादा बातचीत नहीं करता था, ताकि किसी को शक न हो। लेकिन अस्पताल के बाहर और ऑनलाइन माध्यमों से वह लगातार सक्रिय था।
मरीजों से भी की जा रही पूछताछ
एजेंसियों को यह शक है कि डॉ. आदिल इलाज के बहाने मरीजों का ब्रेनवॉश करता था। वह अस्पताल में फिजिशियन के पद पर कार्यरत था और उसकी ओपीडी रोजाना चलती थी। खुफिया एजेंसियां अब यह पता लगा रही हैं कि 20 मार्च 2025 से 7 नवंबर 2025 के बीच उसने कितने मरीजों को देखा और क्या उनमें किसी खास वर्ग या युवा समूह के लोग अधिक थे।
अस्पताल के रिकॉर्ड के अलावा एजेंसियों ने आदिल के बैंक अकाउंट (अंबाला रोड स्थित एक्सिस बैंक) का डेटा भी अपने कब्जे में लिया है। बैंक लेनदेन की जांच से यह समझने की कोशिश की जा रही है कि क्या किसी संदिग्ध स्रोत से उसे फंडिंग मिल रही थी।
सहारनपुर बना ठिकाना, रणनीतिक कारणों से चुनी जगह
जांच में यह भी सामने आया है कि आदिल ने सहारनपुर को अपने ठिकाने के रूप में इसलिए चुना क्योंकि यह जिला हरियाणा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की सीमाओं से सटा हुआ है। यहां एयरफोर्स स्टेशन, एयरपोर्ट, रिमाउंट डिपो और दारुल उलूम जैसे महत्वपूर्ण संस्थान मौजूद हैं। यह इलाका दिल्ली के नजदीक भी है और पर्याप्त दूरी पर भी, जिससे किसी गतिविधि पर तुरंत शक नहीं होता। सूत्रों के मुताबिक आदिल ने अनंतनाग मेडिकल कॉलेज की नौकरी छोड़कर यहां नौकरी इसलिए की, ताकि वह बिना शक पैदा किए अपने आतंकी एजेंडे को आगे बढ़ा सके।
जांच एजेंसियों की कड़ी नजर
एनआईए, एटीएस और आईबी की संयुक्त टीमें अब आदिल के संपर्कों, डिजिटल डिवाइसों और बैंक रिकॉर्ड्स की छानबीन कर रही हैं। एजेंसियों को शक है कि पश्चिमी यूपी में वह जैश से प्रेरित एक नया मॉड्यूल खड़ा करने की तैयारी कर रहा था।

