Pahalgam Terror Attack: पाकिस्तानी सेना के अधिकारी करते हैं खालिद का फूलों से स्वागत, जानिए कौन है मास्टरमाइंड सैफुल्लाह खालिद

पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली है। इस हमले का मास्टमाइंड आतंकी सैफुल्लाह खालिद है। आइए जानते कौन है खालिद…

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 23 April 2025, 5:53 AM IST
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जम्मू: पहलगाम की बायसरन घाटी में आतंकी हमले ने देशभर में दहशत फैला दी है। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) ने ली है, जो पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, हमले में घायल हुए लोग सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया और घटना की पूरी गंभीरता को देखते हुए सरकार की ओर से कड़ी कार्रवाई का आह्वान किया गया है। इस हमले का मास्टरमाइंड भी सामने आ चुका है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस हमले के पीछे आतंकवादी सैफुल्लाह खालिद का हाथ है।

लश्कर का डिप्टी चीफ और मास्टरमाइंड

सैफुल्लाह खालिद जिसे सैफुल्लाह कसूरी के नाम से भी जाना जाता है। लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ है और कश्मीर में लश्कर और टीआरएफ की आतंकी गतिविधियों का संचालन करता है। खालिद पाकिस्तानी आतंकवादी हाफिज सईद का करीबी सहयोगी माना जाता है और पाकिस्तान सेना के साथ उसके अच्छे संबंध हैं। उसे आतंकवादी गतिविधियों में उसके प्रभाव और नेटवर्क के कारण आतंकवादी संगठन का एक महत्वपूर्ण सदस्य माना जाता है। सैफुल्लाह खालिद को लग्जरी कारों का शौक है और वह अत्याधुनिक सुरक्षा घेरे में रहता है, जिसमें लश्कर के आतंकी भी उसकी सुरक्षा के लिए तैनात रहते हैं।

पाकिस्तानी सेना के साथ सैफुल्लाह खालिद के घनिष्ठ संबंध

सैफुल्लाह खालिद के पाकिस्तान सेना के साथ गहरे संबंध हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तानी सेना के अधिकारी उसे बेहद सम्मान देते हैं और उसका स्वागत फूलों से करते हैं। वह पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों से सहायता प्राप्त करता है और भारत के खिलाफ जिहादी प्रचार करने के लिए भी सक्रिय रहता है। दो महीने पहले खालिद पाकिस्तान के पंजाब स्थित कंगनपुर में पाकिस्तानी सेना के कर्नल जाहिद जरीन खट्टक द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुआ था। जहां उसने भारतीय सैनिकों के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया था।

सैफुल्लाह खालिद के भड़काऊ बयान

खालिद का एक बयान सामने आया है जिसमें उसने दावा किया था कि पाकिस्तान 2 फरवरी 2026 तक कश्मीर पर कब्जा कर लेगा। उसके अनुसार, पाकिस्तान के आतंकी हमले और जिहादी गतिविधियों में तेज़ी आएगी और कश्मीर 2026 तक स्वतंत्र हो जाएगा। यह बयान पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान दिया गया था। जिसमें आईएसआई और पाकिस्तानी सेना के अधिकारी भी शामिल थे। उसके भाषण में कश्मीर पर कब्जा करने की योजना को लेकर एक कठोर और भड़काऊ दृष्टिकोण था, जिसे कई आतंकी संगठनों द्वारा स्वीकारा गया।

एबटाबाद में हुआ आतंकी कैंप

सैफुल्लाह खालिद का नाम पिछले साल एबटाबाद में एक आतंकी कैंप में भी सामने आया था। इस कैंप में सैकड़ों पाकिस्तानी लड़कों को टारगेट किलिंग की ट्रेनिंग दी गई थी। खालिद ने इस कैंप में भारत के खिलाफ भाषण देकर इन लड़कों को भड़काया था और इन्हें पाकिस्तानी सेना के सहयोग से सीमा पार घुसपैठ करने के लिए प्रेरित किया था। इस प्रशिक्षण में शामिल लड़के आगे चलकर आतंकवादी हमलों में शामिल हो सकते थे।

पुलवामा हमले से कश्मीर में दहशत

टीआरएफ आतंकी संगठन की शुरुआत 14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले के बाद हुई थी। इस हमले ने न केवल कश्मीर में बल्कि देशभर में आतंकवाद को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए थे। शुरू में टीआरएफ का प्रभाव सीमित था, लेकिन धीरे-धीरे यह संगठन कश्मीर घाटी में सक्रिय हो गया। पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों और खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ गठबंधन के बाद, टीआरएफ ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद अपनी गतिविधियों को और तेज़ कर दिया। इस घटना ने संगठन को कश्मीर में और अधिक प्रभावी बना दिया, जिससे आतंकवाद की नई लहर उठी।

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