

ललित कुमार का पार्थिव शरीर सेना के सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव लाया जाएगा। पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। गांव और जिले भर में शहीद को श्रद्धांजलि देने वालों की भीड़ उमड़ने की संभावना है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस की टीम पहले ही परिजनों से संपर्क कर चुकी है।
ललित कुमार
Meerut News: जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में शुक्रवार को एलओसी के पास गश्त के दौरान हुए लैंडमाइन विस्फोट में भारतीय सेना का एक जवान शहीद हो गया। शहीद जवान की पहचान उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के जानी थाना क्षेत्र के पस्तरा गांव निवासी ललित कुमार के रूप में हुई है। ललित, जाट रेजिमेंट के अग्निवीर के तौर पर जम्मू-कश्मीर के कृष्णा घाटी सेक्टर में तैनात थे और पिछले छह महीनों से पुंछ में ड्यूटी निभा रहे थे।
गश्त के दौरान हुआ हादसा, पैर पड़ते ही हुआ विस्फोट
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को नियंत्रण रेखा (LoC) के पास स्थित कृष्णा घाटी ब्रिगेड के सामान्य क्षेत्र में सेना की एक टुकड़ी गश्त कर रही थी। इसी दौरान ललित कुमार का पैर एक बारूदी सुरंग पर पड़ गया, जिससे जोरदार विस्फोट हुआ। इस हादसे में ललित गंभीर रूप से घायल हो गए और इलाज से पहले ही उन्होंने वीरगति प्राप्त कर ली।
सेना ने दी श्रद्धांजलि
भारतीय सेना की व्हाइट नाइट कोर ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) हैंडल से पोस्ट कर ललित कुमार को श्रद्धांजलि दी। पोस्ट में लिखा गया, "व्हाइट नाइट कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग और सभी रैंक 7 जाट रेजीमेंट के अग्निवीर ललित कुमार को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने कृष्णा घाटी ब्रिगेड के सामान्य क्षेत्र में बारूदी सुरंग विस्फोट के बाद गश्त के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया। हम इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवार के साथ खड़े हैं।"
डेढ़ साल पहले ही सेना में हुआ था भर्ती
ललित कुमार लगभग डेढ़ साल पहले ही अग्निवीर योजना के तहत भारतीय सेना में शामिल हुए थे। परिवार और गांववालों के लिए यह गर्व और गौरव का क्षण था। ललित की यह पहली पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में हुई थी और छह महीने से वे पुंछ में ही तैनात थे।
मेरठ के गांव में मातम, परिवार सदमे में
मेरठ के पस्तरा गांव में ललित के शहीद होने की सूचना मिलते ही कोहराम मच गया। गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। ललित अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटा था। उनके पिता रामकुमार मजदूरी करते हैं। दो बड़े भाई किसी निजी कार्य में लगे हुए हैं और एक बहन की शादी हो चुकी है। ललित अभी अविवाहित थे और इंटर पास करने के बाद बीए की पढ़ाई कर रहे थे। परिवार की आर्थिक स्थिति सामान्य है और ललित ही घर का पहला सदस्य था जिसने सरकारी नौकरी हासिल की थी।
शहीद को राष्ट्र की श्रद्धांजलि
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी ललित कुमार को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, "मैं शहीद जवान को अपनी गहरी श्रद्धांजलि देता हूं, जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया। शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं हैं। इस दुख की घड़ी में पूरा राष्ट्र उनके साथ मजबूती से खड़ा है।"
बारूदी सुरंगों से पहले भी हो चुके हैं हादसे
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तान की ओर से बिछाई गई पुरानी बारूदी सुरंगें आज भी कई बार गश्त कर रहे जवानों के लिए जानलेवा साबित होती हैं। इससे पहले भी मेंढर और बालाकोट सेक्टर में लैंडमाइन ब्लास्ट की घटनाओं में कई जवान घायल हो चुके हैं।
अब तिरंगे में लिपटकर लौटेगा ललित
ललित कुमार का पार्थिव शरीर सेना के सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव लाया जाएगा। पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। गांव और जिले भर में शहीद को श्रद्धांजलि देने वालों की भीड़ उमड़ने की संभावना है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस की टीम पहले ही परिजनों से संपर्क कर चुकी है।