

हिंदू सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर शर्मिष्ठा को कोलकाता पुलिस ने शुक्रवार (30 मई) को गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
शर्मिष्ठा (सोर्स-इंटरनेट)
कोलकाता: ऑनलाइन धमकियों का शिकार हुई हिंदू सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर शर्मिष्ठा को कोलकाता पुलिस ने शुक्रवार (30 मई) को गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि उन्हें उन लोगों के खिलाफ बोलने पर गिरफ्तार किया गया, जिन्होंने पाहलगाम आतंकी हमले को लेकर आपत्तिजनक बयान दिए थे।
इससे पहले शर्मिष्ठा को सोशल मीडिया पर कई मुस्लिम यूज़र्स द्वारा रेप और जान से मारने की धमकियाँ दी गई थीं। इसके बावजूद पुलिस ने धमकी देने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और पीड़िता को ही गिरफ्तार कर लिया।
बिना वारंट पुलिस पहुँची गुरुग्राम
सोशल मीडिया एक्टिविस्ट सुनैना होले ने जानकारी दी कि कोलकाता पुलिस बिना कोई वारंट या दस्तावेज दिखाए गुरुग्राम पहुंची। बाद में उन्होंने एक मजिस्ट्रेट का आदेश दिखाकर गिरफ्तारी की। शर्मिष्ठा को कोलकाता ले जाया गया है और शनिवार (31 मई) दोपहर 12 बजे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
सोशल मीडिया पर नाराज़गी
इस घटना के बाद कई लोगों ने पुलिस की कार्रवाई को एकतरफा और पक्षपातपूर्ण बताया। लोगों का कहना है कि जिसने धमकी दी, उसके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया गया, लेकिन जिसने आतंकवाद का विरोध किया, उसे जेल भेज दिया गया।
अब यह मामला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सांप्रदायिक संतुलन और पुलिस की निष्पक्षता को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। अदालत में सुनवाई के बाद स्थिति और साफ होगी।
क्या है पूरा मामला?
14 मई को शर्मिष्ठा ने एक वीडियो में पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूज़र को जवाब दिया था। वह यूज़र पाहलगाम में 24 हिंदुओं की हत्या को लेकर आतंकियों का बचाव कर रहा था। इस पर शर्मिष्ठा ने नाराज़गी जताते हुए आतंकवाद का विरोध किया।
उनका वीडियो कुछ लोगों ने तोड़-मरोड़ कर पेश किया और आरोप लगाया कि उन्होंने इस्लाम और पैगंबर का अपमान किया है। इसके बाद सोशल मीडिया पर उन्हें "सर तन से जुदा",बलात्कार और हत्या की धमकियाँ मिलने लगीं। पाकिस्तान और भारत के कई मुस्लिम यूज़र्स ने मिलकर उनके खिलाफ एफआईआर की मांग भी की।
शर्मिष्ठा ने सोशल मीडिया पर भी माफी मांगी
वीडियो का विरोध होने और पुलिस द्वारा मामला दर्ज किए जाने के बाद शर्मिष्ठा ने सोशल मीडिया पर माफी मांगी। शर्मिष्ठा ने लिखा- मैं सभी से बिना शर्त माफी मांगती हूं। मैंने जो कुछ भी कहा, वह मेरी निजी भावनाएं हैं। मेरा इरादा जानबूझकर किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था। मैं भविष्य में अपने सार्वजनिक पोस्ट को लेकर सावधान रहूंगी। मुझे एक बार फिर से माफ कर दीजिए।