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Karur Exclusive: खून, चीखें और टूटी उम्मीदें… भयावह था विजय की रैली का मंजर

तमिलनाडु के करूर में अभिनेता विजय की रैली में भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में 39 लोगों की मौत हो गई। अस्पतालों में घायलों का इलाज जारी है और परिजन बदहवासी में अपनों को ढूंढ रहे हैं। प्रशासनिक लापरवाही और भीड़ प्रबंधन की विफलता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
Post Published By: Asmita Patel
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Karur Exclusive: खून, चीखें और टूटी उम्मीदें… भयावह था विजय की रैली का मंजर

Karur: तमिलनाडु के करूर में अभिनेता से नेता बने थलपति विजय की पार्टी तमिलगा वेट्री कषगम (TVK) की रैली में भारी भीड़ उमड़ी। मगर यह जनसैलाब कुछ ही घंटों में मातम में तब्दील हो गया। रैली स्थल पर मची भगदड़ में 39 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए। विजय की एक झलक पाने के लिए हजारों की संख्या में लोग उमड़े थे, लेकिन अव्यवस्था और भीड़ प्रबंधन की कमी ने इस आयोजन को त्रासदी में बदल दिया।

खून, चीखें और टूटी उम्मीदें

सभा स्थल अब वीरान पड़ा है, लेकिन ज़मीन पर बिखरी चप्पलें, टूटी घड़ियां और खून के निशान उस भयावह मंजर की गवाही दे रहे हैं, जो कुछ घंटे पहले वहां घटा। एक युवक की कांपती आवाज में बस यही शब्द थे “हमने सोचा यह सिर्फ धक्का-मुक्की है, लेकिन लोग गिरते चले गए… और फिर सब खत्म हो गया।” लोग बच्चों को सीने से चिपकाकर इधर-उधर दौड़ रहे थे, महिलाएं चिल्ला रही थीं और कई लोग गिरे हुए लोगों के ऊपर से भी भागते नजर आए।

भयावह था विजय की रैली का मंजर

अस्पतालों में पसरा मातम

करूर के सरकारी अस्पताल और आसपास के मेडिकल केंद्रों में हाहाकार का माहौल है। घायल लोगों की आंखों में डर और दर्द साफ झलक रहा है। डॉक्टरों और नर्सों की भागदौड़ जारी है, जबकि परिजन अस्पताल के बाहर रोते-बिलखते दिखे। एक बुजुर्ग महिला जो अपनी बेटी की तलाश में अस्पताल पहुंची थीं, कहती हैं कि “वो सिर्फ विजय सर को देखने गई थी… अब शायद वो कभी वापस नहीं आएगी।”

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दम घुटने जैसी स्थिति

भीड़ का आलम इतना भयावह था कि लोगों को सांस लेना भी मुश्किल हो गया। स्थल पर मौजूद कई लोग बेहोश हो गए। भगदड़ की शुरुआत तब हुई जब मंच के सामने लोग जबरदस्ती आगे बढ़ने लगे और बैरिकेड टूट गए। लोगों ने बचने की कोशिश की लेकिन निकलने का रास्ता नहीं था। कई लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े। अंदर फंसे लोगों को समझ ही नहीं आया कि कहां जाएं और कैसे जान बचाएं।

निकास मार्ग बने जाम

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मुख्य सभा स्थल पर निकास के पर्याप्त रास्ते नहीं थे। जहां थे भी, वहां भीड़ इतनी अधिक थी कि वे जाम हो गए। इस कारण एम्बुलेंस और राहत दल को भी अंदर घुसने में भारी परेशानी हुई। पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें तत्काल मौके पर पहुंचीं, लेकिन तब तक कई लोग दम तोड़ चुके थे। भीड़ में कई परिजन अपने प्रियजनों को ढूंढते बदहवास घूमते नजर आए।

सवालों के घेरे में सुरक्षा व्यवस्था

एक तरफ विजय की लोकप्रियता को देखकर रैली में भारी भीड़ का उमड़ना आश्चर्यजनक नहीं था, लेकिन आयोजकों द्वारा भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था की भारी चूक सामने आई है। न तो भीड़ की अनुमानित संख्या का सही आंकलन किया गया, न ही पर्याप्त एग्जिट प्लान था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कार्यक्रम में सुरक्षा के लिए तय मानकों का पालन नहीं किया गया। अब इस पूरे हादसे की जांच के लिए एक विशेष जांच समिति गठित की जा रही है।

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सियासी गलियारों में हलचल

घटना के बाद तमिलनाडु की राजनीति में भी उबाल आ गया है। विपक्षी दलों ने सरकार और विजय की पार्टी पर लापरवाही का आरोप लगाया है। कई नेताओं ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने और घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। राज्य के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने इस घटना पर दुख जताया है और घायलों के उपचार के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि जो भी इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार होगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

थलपति विजय ने जताया दुख

तमिल सुपरस्टार और टीवीके प्रमुख विजय ने इस घटना को लेकर गहरा दुख जताया। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से शोक संदेश जारी किया। “यह हादसा मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके दर्द को मैं शब्दों में नहीं बयां कर सकता।” विजय ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है और घायलों के इलाज का खर्च उठाने का वादा किया है।

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