Indian Security Forces: भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने किया पाक-समर्थित TRF की साजिश का पर्दाफाश, पढ़ें पूरी खबर

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने लश्कर-ए-तैयबा द्वारा पाकिस्तान के समर्थन से संचालित ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) की साजिश का खुलासा किया है। यह आतंकी समूह जम्मू-कश्मीर में गैर-कश्मीरी नागरिकों, सुरक्षा बलों और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाता है। भारत ने 2023 में इसे आतंकी संगठन घोषित किया। जानिए इस संगठन के उद्देश्य, कारण और सुरक्षा बलों की रणनीतियों के बारे में।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 19 July 2025, 8:05 AM IST
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New Delhi: भारत में सुरक्षा और आतंकवाद की स्थिति में एक नया मोड़ आया है, जब भारतीय खुफिया एजेंसियों ने लश्कर-ए-तैयबा द्वारा संचालित आतंकवादी समूह 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) की पाकिस्तान-समर्थित साजिश को उजागर किया। टीआरएफ की स्थापना 2019 में पाकिस्तान के सहयोग से की गई थी। जब भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला लिया था। इसके बाद इस संगठन ने कश्मीर में हिंसा और आतंक फैलाने के लिए कई हमले किए।

टीआरएफ का गठन और उद्देश्य

सूत्रों के मुताबिक 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) का उद्देश्य कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देना और भारत सरकार की नीतियों का विरोध करना है। टीआरएफ को लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा समर्थित किया गया था। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि यह संगठन हाइब्रिड युद्ध का हिस्सा है, जिसमें कश्मीर में आतंकवादी हमले, दुष्प्रचार और स्थानीय संघर्षों को बढ़ावा दिया जाता है।

पूर्व एसएसजी कमांडो की भर्ती

सूत्रों के मुताबिक टीआरएफ को कमजोर करने के लिए पाकिस्तान की सेना के पूर्व एसएसजी (स्पेशल सर्विस ग्रुप) कमांडो को प्रशिक्षित किया जाता है। इन कमांडो को कश्मीर में आतंकवादी हमले करने के लिए भेजा जाता है। टीआरएफ के लक्ष्यों में स्थानीय अल्पसंख्यक समुदाय, सुरक्षा बल, पर्यटक और गैर-कश्मीरी नागरिक शामिल हैं। इससे स्पष्ट है कि टीआरएफ की गतिविधियां सिर्फ कश्मीर के भीतर नहीं, बल्कि भारत के अन्य हिस्सों में भी नागरिकों की जान जोखिम में डालने वाली हैं।

Pak-backed TRF conspiracy exposed

पाक-समर्थित TRF की साजिश का पर्दाफाश

टीआरएफ का नेतृत्व और स्थानांतरण

टीआरएफ के संस्थापक मुहम्मद अब्बास शेख और ऑपरेशनल चीफ बासित अहमद डार की मौत हो चुकी है, लेकिन इसका सुप्रीम कमांडर शेख सज्जाद गुल कथित तौर पर सक्रिय है। इसके अलावा कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि टीआरएफ का मुख्यालय पाकिस्तान के मुरीदके से बहावलपुर में स्थानांतरित हो सकता है, जिससे संगठन की गतिविधियों का दायरा और बढ़ सकता है।

लश्कर-ए-तैयबा का समर्थन और टीआरएफ का उद्देश्य

रक्षा सूत्रों का कहना है कि टीआरएफ, लश्कर-ए-तैयबा के लॉजिस्टिकल, वित्तीय और ऑपरेशनल नेटवर्क के तहत काम करता है। इसके हथियारों की खरीद, प्रशिक्षण माड्यूल और सुरक्षित ठिकाने लश्कर-ए-तैयबा की तरह ही काम करते हैं। इसके नए नाम का उद्देश्य एफएटीएफ की जांच से बचना और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से बचते हुए स्थानीय समर्थन प्राप्त करना था।

भारत की प्रतिक्रिया

भारत ने 5 जनवरी 2023 को टीआरएफ को एक आतंकी संगठन घोषित कर दिया था और इसका मकसद इस संगठन के आतंकवादी गतिविधियों को पूरी तरह से खत्म करना है। भारतीय सुरक्षा बल अब और अधिक सावधानी और तत्परता से इस संगठन के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।

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