जनधन खाताधारकों के लिए जरूरी सूचना, 30 सितंबर तक री-केवाईसी कराना अनिवार्य, जानिए कौन से डॉक्यूमेंट हैं जरूरी

जनधन खातों को सक्रिय बनाए रखने और सरकारी लाभ लगातार प्राप्त करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने खाताधारकों को 30 सितंबर 2025 तक री-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है। इसके लिए देशभर के पंचायत स्तर पर विशेष कैंप लगाए जा रहे हैं।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 17 August 2025, 8:31 AM IST
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New Delhi: देश में 55 करोड़ से अधिक जनधन बैंक खातों की मौजूदगी यह दर्शाती है कि प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) आम लोगों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ने में बेहद सफल रही है। इन खातों की बदौलत करोड़ों भारतीयों को न सिर्फ बचत की आदत लगी, बल्कि उन्हें सरकारी योजनाओं के लाभ सीधे खाते में मिलना शुरू हुआ।

लेकिन इन खातों को सक्रिय (Active) बनाए रखने के लिए कुछ आवश्यक औपचारिकताएं, समय-समय पर पूरी करनी पड़ती हैं। इन्हीं में से एक है री-केवाईसी (Re-KYC), जिसके अंतर्गत खाताधारकों को अपनी पहचान और पते से जुड़े दस्तावेज़ों को दोबारा बैंक में जमा कराना होता है।

आरबीआई का निर्देश

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जनधन योजना की 10वीं वर्षगांठ के अवसर पर 1 जुलाई से 30 सितंबर 2025 के बीच देश के पंचायत स्तर पर विशेष कैंप आयोजित करने की घोषणा की है। इन कैंपों में खाताधारक अपना री-केवाईसी करवा सकेंगे, जिससे उनके खाते में किसी तरह की रुकावट न आए।

जिन लोगों ने पता बदला है या उनकी व्यक्तिगत जानकारी में कोई बदलाव आया है, वे इन कैंपों के माध्यम से अपनी जानकारी को अपडेट करवा सकते हैं। इससे न केवल उनका खाता सक्रिय बना रहेगा, बल्कि उन्हें भविष्य में मिलने वाली सरकारी योजनाओं के लाभ भी समय पर मिलते रहेंगे।

री-केवाईसी के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत होगी?

री-केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए खाताधारकों को कुछ आवश्यक दस्तावेज़ों को साथ लाना अनिवार्य होगा, जैसे:

  • आधार कार्ड (मुख्य दस्तावेज़ के रूप में)
  • मतदाता पहचान पत्र (वोटर आईडी)
  • राशन कार्ड
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • पासपोर्ट

इन दस्तावेजों के माध्यम से पहचान और पता प्रमाणित किया जा सकेगा। यदि किसी खाताधारक ने अपना निवास स्थान बदला है, तो नए पते का प्रमाण भी जमा कराना जरूरी होगा।

जनधन खातों की खासियत

जनधन खातों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ये जीरो बैलेंस खाते होते हैं। यानी खाताधारकों को मासिक औसत शेष राशि (Monthly Average Balance) बनाए रखने की आवश्यकता नहीं होती। इसके अलावा इन खातों में सरकारी योजनाओं की राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के तहत सीधे जमा होती है।

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