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भारत का औद्योगिक उत्पादन गिरकर 1.5% पर आ गया, जो मई में संशोधित 1.9% था. ये आंकड़ा पिछले 10 महीने में सबसे कम है, जो भारत की अर्थव्यवस्था पर बड़ा झटका माना जा रहा हैं।
प्रतीकात्मक छवि
New Delhi: भारत का औद्योगिक उत्पादन गिरकर 1.5% पर आ गया, जो मई में संशोधित 1.9% था. ये आंकड़ा पिछले 10 महीने में सबसे कम है, जो भारत की अर्थव्यवस्था पर बड़ा झटका माना जा रहा हैं।
खनन और बिजली क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन के कारण देश के औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि इस साल जून महीने में सुस्त पड़कर 10 महीने के निचले स्तर 1.5 प्रतिशत पर रही। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। जून महीने में अत्यधिक बारिश से खनन और बिजली क्षेत्र की गतिविधियां प्रभावित हुई हैं, जिसका असर औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि पर पड़ा है।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के रूप में मापा जाने वाला औद्योगिक उत्पादन बीते साल जून में 4.9 प्रतिशत की दर से बढ़ा था। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने मई के औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर के आंकड़े को भी संशोधित कर 1.9 प्रतिशत कर दिया है, जबकि पहले इसके 1.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। अगस्त, 2024 के बाद औद्योगिक उत्पादन वृद्धि सबसे कम है। उस समय इसकी वृद्धि स्थिर रही थी।
इस सेक्टर पर पड़ा बड़ा असर
औद्योगिक प्रदर्शन में गिरावट की मुख्य वजह कोर सेक्टर रहा, जिसका IIP में 40% योगदान होता है। पहली तिमाही में कोर सेक्टर की वृद्धि 1.3% रही, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 6.3% थी। आठ प्रमुख कोर इंडस्ट्री में से 5 ने जून में गिरावट दिखाया। कोयला उत्पादन में 6.8% की गिरावट आई, जो पांच साल में सबसे तेज गिरावट है। बिजली क्षेत्र ने लगातार दूसरे महीने निगेटिव ग्रोथ दर्ज की।